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ताजमहल को लेकर राजनीति गरमाई, क्या फिर बनेगा तेजोमहालय ?

 

आगरा। दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को लेकर फिर राजनीति गरमा चुकी है। चन्द दिनों बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में ताज महोत्सव शुरू होने वाला है। इसमें भगवान राम के विशाल चित्र के साथ ही जयश्री राम के जयकारे भी गूंजेंगे। मकबरे में भगवा बयार बहेगी। इसी बीच भाजपा सांसद विनय कटियार ने कहा कि ताजमहल को जल्दी ही तेज मंदिर बना दिया जाएगा।

आगरा में हर साल की तरह इस साल भी 18 फरवरी से 27 फरवरी तक ताज महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कटियार ने कहा, ‘इसे ताज महोत्सव कहें या फिर तेज महोत्सव, दोनों ही बातें एक हैं। ताज और तेज में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है। हमारे तेज मंदिर को औरंगजेब ने कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया था। ताजमहल जल्दी ही तेज मंदिर में तब्दील होगा।

ताजमहल औरंगजेब के दौर में मौजूद नहीं था। तब ये हमारा मंदिर हुआ करता था। अब वो मुर्दाघर बन गया है। उसको कोई न कोई शासक हटाएगा। वहां केवल हमारा मंदिर रहेगा।

यह है विवाद

आगरा के ताजमहल का सच सम्पूर्ण विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने वाले पी.एन. ओक अपनी पुस्तक “Tajmahal is a Hindu Temple Palace” और “Taj Mahal: The True Story” में 100 से भी अधिक प्रमाण और तर्को का हवाला देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है। ओक को उस इतिहासकार के रूप मे जाना जाता है जिन्होंने भारत के विकृत इतिहास को पुर्नोत्‍थान और सही दिशा में ले जाने का काम किया है। उन्होंने ताजमहल की भूमिका, इतिहास और पृष्‍ठभूमि से लेकर सभी का अध्‍ययन किया और छायाचित्रों के जरिए उसे प्रमाणित करने का सार्थक प्रयास किया।

यदि ताजमहल के शिव मंदिर होने में सच्चाई है तो भारतीयता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। सवाल यह है कि आखिर क्यों ताजमहल की असलियत को देश से छिपाया जा रहा है? इतने मजबूत तथ्यों और तर्कों के बाद भी ताजमहल के सही इतिहास से देश को क्यों वंचित रखा जा रहा है?

प्रो. ओक का तर्क है कि ताजमहल विशाल मकबरा न होकर विशेषतः हिंदू शिव मन्दिर है और आज भी ताजमहल के बहुत से कमरे शाहजहाँ के काल से बंद पड़े हैं, जो आम जनता की पहुँच से दूर हैं। प्रो. ओक यह भी जोर देकर कहते हैं कि हिंदू मंदिरों में ही पूजा एवं धार्मिक संस्कारों के लिए भगवान् शिव की मूर्ति, त्रिशूल, कलश और ॐ आदि प्रयोग की जाती हैं। ताज महल के सम्बन्ध में यह आम किवदंत्ती प्रचलित है कि ताजमहल के अन्दर मुमताज की कब्र पर सदैव बूँद-बूँद कर पानी टपकता रहता है, यदि यह सत्य है तो पूरे विश्व मे किसी भी कब्र पर बूँद बूँद कर पानी नही टपकाया जाता, जबकि प्रत्येक हिंदू शिव मन्दिर में ही शिवलिंग पर बूँद-बूँद कर पानी टपकाने की व्यवस्था की जाती है, फ़िर ताजमहल (मकबरे) में बूँद बूँद कर पानी टपकाने का क्या मतलब? इस बात का तोड़ आज तक नहीं खोजा जा सका है।

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