हरिद्वार। कहते हैं गंगा सभी पापियों के पाप धो देती है। अगर कोई अपराधी यहां गंगा में अपने पाप धोने आया तो उल्टा पकड़ा जाएगा। क्योंकि भारतीय रेल ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फेस रिकग्निशन सिस्टम तैयार किया है। इससे रेलवे परिसर में किसी भी आतंकी या अपराधी के प्रवेश करते ही रेलवे पुलिस को इसकी जानकारी हो जाएगी।
वर्ष 2021 में हरिद्वार में कुंभ मेला भरना है। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां के रेल स्टेशन पर सबसे पहले यह लगाए जाने की योजना है। इसमें आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से फेस रिकग्निशन प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। हर स्टेशन व कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाया जाएगा। यह नई प्रणाली स्टेशन व ट्रेन में प्रत्येक यात्री के चेहरे की तस्वीर लेगा और अपने डेटाबेस में मौजूद देशभर के अपराधियों के चेहरे से मिलान करेगा। जैसे ही अपराधी व आतंकी स्टेशन पर पहुंचेगा, पुलिस को तुरंत पता चल जाएगा। प्रारंभ में यह सिस्टम 100 मुख्य स्टेशनों पर लगाया जाना है। फिलहाल, जीआरपी व आरपीएफ को वारदात होने के बाद सीसीटीवी के जरीये अपराधी का पता चलता है। इस नई प्रणाली को सफल बनाने के लिए देश-विदेश के सभी आंतकी और अपराधियों के फोटो व स्केच को फीड कर दिया जाएगा।
रेलवे के बेंगलुरू साइबर सेल में तैनात आरपीएफ (RPF) के विशेषज्ञ इसका संचालन करेंगे। देश के स्टेशनों व ट्रेनों के सीसीटीवी को साइबर सेल से ऑनलाइन जोड़ने का काम जारी है। फेस रिकग्निशन सिस्टम सबसे पहले यहां लगाया जाएगा। सिस्टम लगाने का काम रेलटेल को सौंपा गया है। 102 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम मुरादाबाद मंडल के रेलटेल को दिया गया है। अभी तक 60 स्टेशनों पर काम पूरा हो चुका है।