वाराणसी। काशी विश्वनाथ श्रृंगार गौरी प्रकरण मामले में अदालत ने शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष के ऊपर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष द्वारा डेट मांगने पर यह कार्रवाई की गई। पिछले दिनों वादी पक्ष की ओर से श्रृंगार गौरी के तहखाने में बचे हिस्से के सर्वे के लिए अर्जी दी गई थी।
इसको लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में आपत्ति दाखिल की जानी थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल करने के लिए और समय मांगा गया था, जिस पर अदालत ने 100 रुपये का हर्जाना लगा दिया। अदालत अब इस मामले में तीन नवंबर को सुनवाई करेगी। कोर्ट ने श्रृंगार गौरी मामले में पक्षकार बनने की सभी अर्जियां खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने किसी को भी पक्षकार नहीं बनाया है।
पिछले दिनों वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में दिए गए आदेश की प्रमाणित प्रति कोर्ट में दाखिल किया था। कहा था कि पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रकरण में भी अंजुमन इंतजामिया की ओर से मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए सुनने का क्षेत्राधिकार सिर्फ वक्फ बोर्ड लखनऊ का है।
लोअर कोर्ट ने विधि विरुद्ध आदेश दिया। निचली अदालत के इसी आदेश के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में निगरानीकर्ता अंजुमन इंतजामियां की ओर से निगरानी याचिका दाखिल की थी।