हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ मेले में कोरोना का साया लगातार मंडरा रहा है कोरोना संक्रमण के कारण जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बाद यहां महाकुंभ के दोनों शाही स्नान फीके रहे। बैरागी अखाड़ों में से एक निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल मुनि की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।
मेला अधिकारी स्वास्थ्य अर्जुन सिंह सेंगर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया यह निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कोरोना संक्रमित हो गए जिन्हें देहरादून के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि अखाड़ों में संतों की कोरोना जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा और जो लोग भी मृतक संत के संपर्क में आए थे उनकी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करके उनकी भी जांच की जाएगी साथ ही आइसोलेट भी किया जाएगा। हरिद्वार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
गौरतलब है कि इसी कड़ी में आईआईटी रुड़की एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है जबकि उसका कोरोना जांच परिणाम नेगेटिव आया था जबकि उसकी मृत्यु के लक्षण कोरोना से संबंधित बताया जा रहे हैं जबकि आईआईटी रुड़की प्रशासन का कहना है कि छात्र मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है स उसका उसके शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए भेज दिया गया है जिसके बाद मृत्यु के कारणों की तस्वीर साफ हो सकेगी।
आईआईटी रुड़की के क्वारन्टीन सेंटर में एक एमटेक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं सूचना मिलते ही आज छात्र के परिजन रुड़की पहुँचे जहां उन्होंने पुलिस से छात्र के पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया है और इस बारे में परिजनों ने जिलाधिकारी को पत्र भी प्रेषित किया है।
उल्लेखनीय है कि लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से आईआईटी रुड़की में अबतक 120 से अधिक स्टूडेंट और फैकल्टी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। सिविल लाइन कोतवाल राजेश साह का कहना है कि मृतक छात्र को क्वारन्टीन किया गया था और 12 अप्रैल को छात्र की आरटी पीसीआर रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी फिलहाल मामले की जांच पड़ताल की जा रही है उसके बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।