कानपुर। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में पत्नी की खुदकुशी के बाद यूपी पुलिस के सिपाही ने भी जान दे दी। दंपती की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, औरैया के मोहल्ला बनारसीदास में शुक्रवार सुबह 11 बजे के करीब एक घर में विवाहिता को पंखे पर फंदे से लटकता देख ससुरालीजन जिला अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया।
मायके और ससुरालियों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोपहर ढाई बजे के करीब रायबरेली में तैनात महिला के सिपाही पति का शव भी फंदे पर मिलने की सूचना मिली। तीन घंटे के अंतराल में दंपती की मौत से सभी आहत हैं। मायके पक्ष और ससुरालियों के आरोपों से दंपती के बीच कलह की बात सामने आई।
यहां डॉक्टर ने संतोषी को मृत घोषित किया। उधर, जानकारी पर इटावा जनपद के अजीत नगर से संतोषी के मायके पक्ष के लोग पहुंचे। संतोषी के चाचा मनोज कुमार ने बताया कि संतोषी की शादी नवंबर 2023 में बनारसीदास निवासी उपेंद्र कुमार के साथ हुई थी।
वर्तमान में उपेंद्र कुमार रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में सिपाही के पद पर तैनात है। संतोषी के चाचा और अन्य मायके पक्ष के लोगों ने बताया कि शादी के कुछ महीने बाद से ही पति उपेंद्र और अन्य ससुरालीजन संतोषी को आए दिन किसी न किसी बात को लेकर परेशान करते थे।
इसको लेकर कई बार समझौता हुआ। उपेंद्र कुमार हर बार पुलिस में होने की धमकी देता था। आरोप लगाया कि ससुरालीजन ने संतोषी की हत्या कर उसे अस्पताल लेकर आए और फरार हो गए।
इसी बीच दोपहर ढाई बजे के करीब रायबरेली से सूचना आई कि उपेंद्र का कमरे में शव फंदे पर लटका मिला है। उपेंद्र के बड़े भाई सत्येंद्र ने बताया कि मामूली बातों की कलह दोनों की जान ले लेगा यह किसी ने नहीं सोचा था। लाख प्रयास के बाद भी दोनों के बीच तालमेल न बैठा और ऐसा कदम उठा बैठे।
करवाचौथ पर संतोषी अपने सिपाही पति उपेंद्र के साथ रायबरेली साथ जाने के लिए तैयार थी, त्योहार के लिए उपेंद्र को छुट्टी न मिलने पर दोनों के बीच विवाद हो गया और कुछ ही पल में दोनों की मौत की वजह भी बन गया।बनारसीदास मोहल्ला निवासी संतोषी के फंदा लगाकर आत्महत्या करने के बाद पति उपेंद्र का शव रायबरेली के ऊंचाहार में फंदे पर मिलने की घटना झकझोरने वाली रही। घटना को लेकर उपेंद्र के बड़े भाई सत्येंद्र ने बताया कि वह अछल्दा में शिक्षक पद पर तैनात हैं।
परिवार में वह सबसे बड़े हैं। छोटा भाई उपेंद्र ढाई माह तक पत्नी को साथ रखने के बाद एक माह पहले बनारसीदास छोड़ने आया था। वापस ड्यूटी पर जाने के दौरान दंपती के बीच विवाद हुआ था। मायके पक्ष के लोग भी आए थे।
किसी तरह दोनों पक्षों को बैठाकर दंपती के बीच उपजी कलह को शांत करा दिया गया था। करवाचौथ पर उपेंद्र के छुट्टी पर आने व संतोषी के रायबरेली जाने को लेकर एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया था। घर के अन्य लोग भी समझा रहे थे।
उपेंद्र का कहना था कि छुट्टी मिलना असंभव है। मामूली सी बात ने दोनों के बीच ऐसी रार खड़ी हुई कि संतोषी ने फंदा लगाकर जान दे दी। सत्येंद्र ने बताया कि पत्नी की मौत की सूचना फोन से भाई उपेंद्र को दी थी। शायद उसी का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने भी रायबरेली में अपने किराए के कमरे में आत्महत्या कर ली।
बताया कि शादी को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ था। पिछले साल नवंबर में शादी हुई थी। इस एक साल के पूरा होने से पहले ही सब बर्बाद हो गया।