मेरठ। महानगर में सुबह सवा आठ बजे शाही ईदगाह में नमाज अदा की गई, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग पहुंचे। वहीं, पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
शाही ईदगाह में नमाजियों की संख्या बढ़ी तो लोगों ने सड़क पर नमाज पढ़ने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने उनकी एक न सुनी और वहां से किसी अन्य स्थान पर जाकर नमाज अदा करने के निर्देश दिए।
मेरठ में जहां ईद का चांद नजर आने के बाद से देर रात तक ईद की खरीदारी की गई। वहीं गुरुवार सुबह छह बजे से ही शाही ईदगाह में ईद की नमाज अदा करने लोग पहुंच गए थे। पूरा ईदगाह भीड़ से भर गया। ईदगाह में जगह न मिलने पर लोगों ने सड़क पर नमाज पढ़ने का प्रयास किया।
मेरठ में पुलिस-प्रशासन ने ईद की नमाज के दौरान शहर में किसी भी स्थान पर नमाज न करने के निर्देश दिए हुए थे। इसके बावजूद दिल्ली रोड स्थित शाही ईदगाह पर नमाज पढ़ने वालों की भीड़ जमा होने लगी।
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ईदगाह परिसर हाउसफुल होने के बाद पुलिस ने दिल्ली रोड पर बेरिकेडिंग कर भीड़ को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ नमाजियों की पुलिस से नोकझोंक हुई, नमाजियों ने ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। हालांकि पुलिस के सामने उनकी एक नहीं चली और वह वापस किसी अन्य ईदगाह और मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए लौट गए।
हम किराएदार नहीं साझेदार
मेरठ में शाही ईदगाह में नमाज अदा कराते हुए कारी शफीकुर्रहमान ने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलमान किराएदार नहीं है, बल्कि साझेदार हैं। हमारे देश में पिछले 10 वर्ष से ऐसा माहौल बना हुआ है, जिसे आपसी भाईचारा कटता चला जा रहा है, जबकि हमारा देश हिंदू-मुस्लिम के भाईचारे के नाम से जाना जाता था। अब इस समय मुसलमान के साथ ज्यादती हो रही है। जो मुल्क में चल रहा है वह ठीक नहीं है।