मेरे घरवाले मेरे जन्म से खुश नहीं थे
मुंबई। हिन्दी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत भले ही लाखों दिलों पर राज कर रही हों और उन्होंने अनेकों पुरस्कार जीते हों लेकिन उनका कहना है कि मेरे घरवाले मेरे जन्म से खुश नहीं थे। उन्होंने कहा, ”लेकिन जब मेरा जन्म हुआ तो मेरे माता पिता खासकर मेरी मां इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही थीं कि घर में एक और लड़की पैदी हुई। मुझे ये कहानियां विस्तार से पता हैं क्योंकि जब भी घर में कोई मेहमान आता था या लोग जुटते थे, मेेरे सामने यह कहानी दोहरायी जाती थी कि मैं किस तरह एक अवांछित बच्ची थी।’
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कंगना ने आह्वान किया कि केवल अपने जिंदगी में शामिल पुरूषों की खुशी की परवाह करने वाली महिलाओं को ‘निस्वार्थ’ भारतीय महिलाओं के तौर पर पेश करना बंद होना चाहिए क्योंकि यह प्रतिगामी कदम है।
कंगना ने संवाददाताओं से कहा, ”मेरे माता पिता का रंगोली बहन से पहले एक बच्चा था जिसकी जन्म के दस दिन के भीतर मौत हो गयी। उसका नाम हीरो था। मेरे माता पिता उस बच्चे की मौत से उबर नहीं पाए। लेकिन फिर रंगोली हुई और उसका ध्यान रखा गया, खूब खुशियां मनायी गयीं।’ कंगना की एक बड़ी बहन रंगोली और एक छोटा भाई अक्षत है।
अभिनेत्री ने कहा कि उनके लिए बार बार यह सुनना पीड़ादायक था।
उन्होंने कहा कि बहनों, मांओं का निस्वार्थ भारतीय महिलाओं के तौर यशगान बंद होना चाहिए जिनके बारे में कहा जाता है कि वह ‘अग्निपरीक्षा’ देंगी और जो अपने पतियों और पिताओं की बेहतरी में ही अपनी बेहतरी देखती हैं। यह बहुत ही प्रतिगामी है।