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अजमेर। भीलवाड़ा के सर्किट हाउस में राजस्थान ऐरवाल समाज महासभा के प्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को ज्ञापन देकर एससी की आरक्षण सूची में ऐरवाल को चमार के पर्यायवाची के रूप में दर्ज कराने की मांग की।
प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन में बताया कि ऐरवाल शब्द चमार शब्द का ही पर्याय एवं उपनाम है। इसे राजस्थान अनुसूचित जाति की सूची में चमार के साथ उपजाति ऐरवाल के रूप में दुरुस्त करवाने के लिए समाज लंबे समय से प्रयासरत है। फिलहाल यह मामला केन्द्र सरकार के समक्ष विचाराधीन है। उन्हें बताया कि समाज के लोगों की आरक्षण संबंधी कोई मांग नहीं है, आरक्षण मिल रहा है, परन्तु चमार नाम से। राजस्थान सरकार ने चमार आदि जाति के संबोधन पर प्रतिबंध लगा रखा है। इस कारण पटवारी / अधिकारी चमार जाति के नाम से जाति प्रमाण – पत्र बनाने से मना करते हैं और ऐरवाल के नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करते हैं। इस वजह से मजबूरन समाज के लोगों को अन्य जाति जैसे -बैरवा, मेघवाल, रेगर, जाटव इत्यदि के नाम से जाति प्रमाण-पत्र बनवाना पड़ता है।