भोपाल। फिल्मों में पुलिस अफसरों की तर्ज पर कई अधिकारी जनता के बीच हकीकत में काम करके चर्चा में रहते है। लेकिन डिंडौरी की पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद की कहानी उल्टी है। वह सरकारी नौकरी में समाज के ठेकेदारों से तो नहीं लड़ सकती, लेकिन अब वे सिल्वर स्क्रीन पर जरूर समाज के ठेकेदारों से लड़ती दिखाई देंगी।
सिमाला की फिल्म ‘अलिफ’ शुक्रवार से देश भर में रिलीज हो रही है।
इस फिल्म में सिमाला मुख्य किरदार में है। इस फिल्म में सिमाला का किरदार एक निम्न मध्यवर्गीय मुस्लिम युवती सम्मी का है, जो आधुनिक शिक्षा का विरोध कर रहे कट्टरपंथियों के खिलाफ खड़ी होती है। संघर्ष करती है और जीत दर्ज करती है।
अलिफ फिल्म की अधिकतर शूटिंग बनारस में हुई है। फिल्म में सम्मी का भाई मदरसा में पड़ता है। वह डॉक्टर बनना चाहता है, लेकिन कट्टरपंथी इसका विरोध करते हैं। यहीं से शुरू होता है परिवार पर जुल्म।
फिल्म में सिमाला (सम्मी) बच्चे की चचेरी बहन हैं। सम्मी कट्टरपंथी ताकतों से लड़ती है और अपने भाई को हक दिलाती है। फिल्म प्रीमियर में भाग लेने एसपी प्रसाद गुरुवार को डिंडौरी से मुंबई के लिए निकल गईं।
डिंडौरी में बालिकाओं व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सिमाला प्रसाद शक्ति मोबाइल, निडर टूरी, ब्लूगैंग के साथ अन्य टीमें भी गठित कर अन्याय के खिलाफ महिलाओं व बालिकाओं को एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए भी प्रेरित करने के अभियान में भी जुटी हुई हैं।
सिमाला 2010 बैच की आईपीएस हैं। उनके पिता डॉ भागीरथ प्रसाद पूर्व आईएएस और वर्तमान में भिंड से भाजपा के सांसद हैं।
मां मेहरू निसा परवेज साहित्यकार हैं। एसपी ने बताया कि महरुनिशा प्रसिद्ध राइटर हैं। मां के घर में ही फिल्म के राइटर व फिल्म डायरेक्टर जैगम इमाम से मुलाकात हुई और उन्होंने मुझसे पहली बार मिलकर ही फिल्म में महत्वपूर्ण किरदार का ऑफर दिया।
उन्होंने बताया कि यह फिल्म समाज के लिए प्रेरणादायक भी है। इसकी कहानी सुनकर मेरे अंदर इस फिल्म में कार्य करने के लिए उत्सुकता भी जागी। उद्देश्य मेरा यही है कि इस फिल्म से लोग प्रेरणा लें।