मुम्बई। बॉलीवुड के सूरमा भोपाली 81 साल की उम्र में रजत पर्दे को उदास कर गए। बरसों तक लोगों को हंसाने वाले जगदीप ने अपनी एक्टिंग से सभी को खूब हंसाया।
जगदीप की पहली फिल्म ‘अफसाना’ थी।
जब वे एक्स्ट्रा के रूप में फिल्म के सेट पर गए, तो उन लोगों को एक ऐसे लड़के की जरूरत थी जो उर्दू के कठिन शब्द बोल सके। इसमें जगदीप सफल हो गए और उन्हें दस रुपए मिले। जगदीप की दूसरी फिल्म ‘आसमान’ थी और तीसरी फिल्म ‘फुटपाथ’, जिसमें उन्होंने दिलीपकुमार के साथ काम किया।
उसके बाद दो बीघा जमीन, ढाके की मलमल, मुन्ना, आर-पार, अब दिल्ली दूर नहीं, भाभी रिलीज हुईं, जिससे उन्हें खासी पहचान मिली। फिल्म ‘हम पंछी एक डाल के’ में पंडित जवाहरलाल नेहरू को जगदीप का काम इतना पसंद आया कि उन्होंने मद्रास में जगदीप को अपनी हाथ घड़ी पुरस्कार में दे दी।
हीरो भी रहे
फिल्म ‘बरखा’ के साथ-साथ कई फिल्मों में वे हीरो भी बने। हालांकि सभी फिल्में फ्लॉप हो गईं।हिंदी फिल्मों के आलावा जगदीप ने गुजराती फिल्म ‘जन्म-जन्म का साथी’, भोजपुरी, पंजाबी और मारवाड़ी फिल्मों में भी काम किया था।