मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर और अपने जमाने के रोमांटिक हीरो शशि कपूर का लंबी बीमारी के चलते 79 की उम्र में सोमवार को निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बिमार थे।
हिंदी सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले पृथ्वीराज कपूर के घर 18 मार्च, 1938 को जन्मे शशि कपूर पृथ्वीराज के चार बच्चों में सबसे छोटे थे। उनकी मां का नाम रामशरणी कपूर था।
आकर्षक व्यक्तित्व वाले शशि कपूर के बचपन का नाम बलबीर राज कपूर था। बचपन से ही एक्टिंग के शौकीन शशि स्कूल में नाटकों में हिस्सा लेना चाहते थे। उनकी यह इच्छा वहां तो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन उन्हें यह मौका अपने पिता के ‘पृथ्वी थियेटर्स’ में मिला।
शशि ने हिन्दी सिनेमा की 160 फिल्मों (148 हिंदी और 12 अंग्रेजी) में काम किया। वे 79 वर्ष के थे। 60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दी।
साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था।
यूं टूटने लगे
1984 में पत्नी जेनिफर की कैंसर से मौत के बाद शशि कपूर काफी अकेले रहने लगे थे और उनकी तबीयत भी बिगड़ती गई थी। बीमारी की वजह से शशि कपूर ने फिल्मों से दूरी बना ली।