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चिंकारा शिकार : सलमान के वकील ने उठाए फोरेंसिक रिपोर्ट पर सवाल


जोधपुर। साल 1998 में दो चिंकारा के शिकार के मामले में एक होटल से लिए गए खून के नमूनों की फोरेंसिक रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए अभिनेता सलमान खान के वकील ने यहां राजस्थान उच्च न्यायालय में कहा कि घटना के 17 दिन बाद नमूने लिए गए थे और सलमान के साथ उनका क्या संबंध हो सकता है। कथित तौर पर शिकार के बाद सलमान और उनके साथी चिंकारा को साफ करने और पकाने के लिए इस होटल में लाए थे।
सलमान के वकील महेश बोरा ने अदालत में दलील रखी कि एफएसएल की टीम ने घटना के 17 दिन बाद नमूने लिए तो यह कैसे माना जा सकता है कि वे नमूने उसी पशु के थे जिसे कथित तौर पर खान ने मारा था और बाद में साफ करने और पकाने के लिए आशीर्वाद होटल ले गए थे?
बोरा जोधपुर के पास भावड़ में 26-27 सितंबर, 1998 को कथित तौर पर दो चिंकारा के शिकार के मामले में सलमान को दोषी करार दिए जाने के खिलाफ उनकी अपील पर दलील दे रहे थे।
उन्होंने आगे दलील दी कि एफएसएल रिपोर्ट में यह उल्लेख नहीं है कि ये खून के नमूने कितने पुराने थे, जिसका मतलब है कि उन्होंने पता नहीं किया कि खून कितना पुराना था।
बोरा की दलील थी कि अगर हम मान भी लें कि हिरन को मारने के बाद होटल ले जाया गया, साफ किया गया और एक चाकू की मदद से काटकर पकाया गया तो यह कैसे कहा जा सकता है कि सलमान ने उसे मारा था और उसे होटल ले गए?
करीब डेढ़ घंटे तक चली दलीलों के बाद न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने सुनवाई के लिए अगले मंगलवार की तारीख दी। बचाव पक्ष उस दिन अपनी दलीलें जारी रखेगा।
सलमान खान की अपील पर सुनवाई 16 नवंबर, 2015 को उच्च न्यायालय में शुरू हुई थी और बचाव पक्ष ने दलीलों की शुरुआत की थी।
मंगलवार बचाव पक्ष की दलीलों का 12वां दिन था, जिनका उद्देश्य यह साबित करना है कि सलमान का कथित शिकार मामले से कोई लेनादेना नहीं है और उन्हें फंसाया गया है।
सलमान को दोनों चिंकारा के शिकार के मामले में दोषी ठहराया गया था।
सीजेएम की अदालत ने 17 फरवरी, 2006 को सलमान को एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की गई है।