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Update : 28 साल बाद पुत्र के घर आएंगे सूर्य, 2 महीने रहेंगे

दुर्लभ संयोग लेकर 28 साल बाद आ रही संक्रांति

भोपाल। मकर संक्रांति पर इस बार 28 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को सूर्यदेव अपने पुत्र शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पिता-पुत्र का मिलन होगा जो दो माह तक रहेगा।

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाएंगे। इसके चलते मलमास की समाप्ति हो जाएगी। इससे विवाह जैसे शुभ, मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। मकर संक्रान्ति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। पंडित लखन शास्त्री के अनुसार, मकर संक्रांति पर पूरे दिन पुण्य काल रहेगा। इस दिन दान-पुण्य, गंगा व तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है।

पंडित शास्त्री के अनुसार 14 जनवरी को दोपहर 1.55 बजे सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। करीब 28 साल के बाद मकर संक्रांति पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग के साथ चंद्रमराशि में और अश्लेषा नक्षत्र व प्रीति तथा मानस योग रहेगा।

संक्रांति के दिन दान करने का महत्व बढ़ जाता है। व्यक्ति को यथासंभव किसी गरीब को अन्नदान, तिल व गुड़ का दान करना चाहिए। तिल या फिर तिल से बने लड्डू या फिर तिल के अन्य खाद्य पदार्थ भी दान करना शुभ रहता है।

धर्म शास्त्रों के अनुसार, कोई भी धर्म कार्य तभी फल देता है, जब वह पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ किया जाता है। जितना सहजता से दान कर सकते है, उतना दान अवश्य करना चाहिए।

इधर संक्रांति के आगमन के साथ ही मलमास की विदाई भी हो जाएगी। संक्रांति के दूसरे दिन से विवाह की शहनाईयां गूंजने लगेंगी।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार संक्रांति के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर गरीबों को अन्न एवं वस्त्र दान करने से भी व्यक्ति सामथ्र्यवान होता है।