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हर नया कल , अब खत्म करेगा, ठंड का कहर 

न्यूज नजर : प्रकृति ! मुसकुराते हुए कहने लगी कि हे सर्द ऋतु तुम बलवान हो और तुम्हें पूरा अधिकार है कि अपनी हर विशेषताओं को प्रकट करो व इस दुनिया को दिखा दो कि तुम्हारे सिवा दुनिया में कोई बलवान भी नहीं हो।
भंवरलाल
ज्योतिषाचार्य एवं संस्थापक,
जोगणिया धाम पुष्कर

शरद ऋतु की नींव पर खडी होकर तुम खूब ठंडी हो कर सर्द ऋतु बन गयी हो और बरसात ओलावृष्टि बर्फबारी का श्रृंगार कर के तुम शिशिर बन कर सबके हाड़ मांस कम्पकपा रही हो। इतना ही नहीं तुम हवाओं के सहारे इन्हें ठंड पिलाकर शीत लहर के माध्यम से कहर बरसा रही हो और जनजीवन को मुसीबतों में डाल रही हो। मैं खुश हूं कि तुम अपना पूरा रोल अदा कर रही हो और सबको यह सीखा रही हो कि हे मानव और जीवों- निर्जीवों तुम सब पर मैं राज कर रही हूं। तू वास्तव में बेरहम सी हो गयी है और मेरी ही रचना को भी तू खुर्द बुर्द करने पर ऊतारू हो गयी है।

     हे सर्द ऋतु ! मैं जानती थी कि तुम अपनी हर हदें पार कर जाओगी इसलिए मैंने इस दुनिया में किसी को भी स्थायी नहीं रहने दिया। यहां तक कि मेरी रचनाओं को भी प्रतिक्षण चलायमान बना कर छोड़ दिया और सजीवों को भी अमर और अविनाशी कभी रहने नहीं दिया। बलवान कहे जाने वाली ताकतों भी मैंने उसके जीते जी ही धराशायी कर दिया।
इसलिए हे सर्द अब हर नया काल तेरी चाल गति व करिश्मे को रोक देगा और तू देखती ही रह जायेगी कि सूर्य उत्तरायण की ओर लगातार बढता जा रहा है। वह अपनी पूर्ण क्षमता के साथ मकर राशि के क्षेत्र में प्रवेश करेगा और अपनी गरमी से तिलों को तडकाने लगेगा और गर्मी को बढाने लगेगा।
         संत जन कहते हैं कि हे मानव सत्य तो एक ही होता है लेकिन जब बहुत सारे सत्य लट्ठ लेकर खडे हो जाते हैं तब बहुत मुश्किल हो जाता है कि सत्य कौन सा एक है और कौन से सत्य मायावी बने हुए हैं। सत्य और मायावी सत्य जब टकराते हैं तो भले ही असली सत्य पीटता रहे पर एक दिन मायावी रंग शनैः शनैः उड़ जाता है और काल बल सत्य को प्रकट कर देता है। ठंड अब अपना मायावी रूप दिखाती हुई बरसात हिमपात बर्फबारी शीत लहर से जीव व जगत को जकड़ रही है लेकिन काल की प्रधानता में मकर संक्रांति प्रकट हो कर मायावी ठंड को ले बैठेगी और प्रकृति का जीव व जगत राहत की सांस लेगा।
       इसलिए हे मानव तू डर मत। हर तरह से इस कहर बरसाती ठंड से अब निजात पाने का समय हर दिन बलवान बनता जायेगा और भारी ठंड से छुटकारा मिल जायेगा। सूर्य अपनी गति से भ्रमण करते हुए 15 जनवरी को प्रातः 2 बजकर 6 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश हो कर तेजस्वी बनेगा।

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