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साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगेगा। इस तरह का सूर्य ग्रहण 296 साल बाद लगने वाला है। यह छल्ले जैसा सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य एक आग के छल्ले की तरह दिखाई देगा। ऐसा दुर्लभ सूर्यग्रहण 296 साल पहले 07 जनवरी 1723 को हुआ था। सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा। चंद्रमा की छाया सूर्य का 97 प्रतिशत भाग ढक लेगी। यह सूर्य ग्रहण गुरुवार के दिन पौष मास की अमावस्या पर सुबह 08:17 मिनट से लेकर 10:57 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अगले साल की शुरुआत यानी जनवरी महीने में चंद्र ग्रहण लगेगा।
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देने के कारण सूतक का असर रहेगा। सूतक का समय ग्रहण के एक दिन पहले ही शुरू हो जाएगा यानी सूतक 25 दिसंबर की शाम 5:33 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 10:57 पर सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद खत्म होगा। हिंदू धर्म में सूतक लगने पर कई तरह के कार्यों को नहीं किया जा सकता। सूतक के समय को अशुभ समय माना गया है।
सूर्य ग्रहण का क्या असर
ग्रहण के दिन मूल नक्षत्र में चार ग्रह रहेंगे। वहीं, धनु राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु रहेंगे। इन छह ग्रहों पर राहु की पूर्ण दृष्टि भी रहेगी। इनमें दो ग्रह यानी बुध और गुरु अस्त रहेंगे। कर्क, तुला, कुंभ और मीन चार राशि वालों पर ग्रहण शुभ रहेगा।
सूतक में यह करें
मंत्रों का उच्चारण करें।
ग्रहण समाप्ति के बाद घर पर गंगाजल का छिड़काव करें।
सूतक काल के पहले तैयार भोजन को बर्बाद न करें बल्कि उसमें तुलसी के पत्ते डालकर भोजन को शुद्ध करें।