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श्रीकृष्ण का प्रिय मोर पंख बदल सकता है आपका भाग्य, जन्माष्टमी पर इसे आजमाएं

 

मोर मुकुटधारी श्री कृष्ण की प्रिय वस्तुओं में मोर मुकुट का सर्वोत्तम स्थान है। यही वजह है कि गिरधारी उसे अपने सिर पर धारण करते हैं।

मोरपंख को सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधि माना गया है। जन्माष्टमी पर मोर मुकुट से श्रीकृष्ण का श्रृंगार किया जाता है।
ज्योतिष में मोर मुकुट को लेकर कुछ उपाय बताए गए हैं जो आपकी किस्मत बदल सकते हैं। मोह रात्रि यानी जन्माष्टमी की रात यह उपाय करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है, ऐसा मानना है।

ये आजमाएं

जन्माष्टमी की रात मंदिर में भगवान कृष्ण के मुकुट पर मोर पंख लगाएं अौर उनका पूजन करें। उसके बाद 40वें दिन उस मोर पंख को लेकर तिजोरी में रख दें। इससे धन अौर यश आपकी तरफ खिंचा आएगा।

11 मोर पंखों से निर्मित पंखा शयनकक्ष की पश्चिम दीवार पर लगाएं। प्रतिदिन उस पंखे से एक बार खुद को हवा लें। इससे भाग्य आपका साथ देने लगेगा।

जन्माष्टमी की रात तकिए के नीचे सात मोर पंख रखें। इससे कुंडली के कालसर्प दोष दूर होते हैं।

 

मोरपंख पर शत्रु का नाम लिखकर जन्माष्टमी की रात भगवान कृष्ण के मंदिर में रख दें। अगले दिन सुबह उठकर बिना नहाए अौर किसी से बात किए बिना उस मोर पंख को बहते जल में प्रवाहित कर दें या किसी पेड़ के नीचे दबा दें। ऐसा करने से शत्रु का भय खत्म हो जाएगा। बल्कि वे मित्र बन जाएंगे।