न्यूज नजर : मंगल ग्रह 27 अगस्त 2018 को मकर राशि में मार्गी हो गए हैं जो 21 जून से ही वक्री गति से भ्रमण कर रहे थे। यहां मार्गी का अर्थ सीधे आगे बढने से है और वक्री का अर्थ पीछे की ओर वापस लुढ़कने से है। सूर्य और चन्द्र के साथ यह स्थिति नहीं होती। वो सदा अपने मार्गी ही रहते हैं लेकिन राहू केतु सदा वक्री गति से ही भ्रमण करतें हैं । बाकी ग्रह मंगल बुध गुरू शुक्र व शनि मार्गी व वक्री गति से भ्रमण करते हैं।
मंगल ग्रह के वक्री होने से अब तक मेष वृश्चिक मकर कर्क और सिंह राशियां प्रभावित थीं अब उनको बल मिल जाएगा और इन राशियों पर शुभ प्रभाव देखे जा सकेंगे। दुनिया के कई देशों में मंगल ग्रह के कारण जो भूकंप भू स्खलन, ज्वाला मुखी और भयानक अग्नि कांड विस्फोट देखे जा रहे थे अब उनमे शनै-शनै कमी आने लगेगी।
मंगल ग्रह फिर भी अपने स्वाभाविक परिणामों को देने मे अब गति पकड़ लेगा और केतु के कारण धार्मिक क्षेत्रों में उन्माद पैदा कर देगा तथा राहू का विरोध कर आतंकवाद, बमबारी, आगजनी, धरना आन्दोलन विरोध को बढ़ा देगा। शनि ग्रह से दूसरे और बारहवें सम्बन्ध से शासन सत्ताओं को डगमगाने लगेगा और यह परिणाम विश्व स्तर पर देखे जा सकेंगे।
देश व दुनिया में व्यापार को प्रभावित कर विश्व के अर्थ तंत्र को प्रभावित करने के योग बनायेगा। शनि ग्रह ओर मंगल ग्रह का यह खेल फिर अपने वर्चस्व के महायुद्ध मे दुनिया के देशों को प्रभावित कर सकता है। मकर राशि का मंगल खूब वर्षा कर दुनिया को अपना परिचय देता है।और कुंभ राशि में प्रवेश के बाद ही मंगल ग्रह शांत होगा । ऐसी मान्यता ज्योतिष शास्त्र की है ।
आकाश में भ्रमण करता हुआ यह मंगल ग्रह अंगारे बरसाता हुआ प्रतीत होता है और धार्मिक मान्यताओं में इसे धरतीपुत्र भी माना जाता है। यह मेष राशि व वृश्चिक राशि का स्वामी होता है तथा मकर राशि में यह उच्चतम तथा कर्क राशि मे निम्नतम स्थिति में होता है। इस की प्रकृति आक्रमक योद्धा की तरह अग्नि तत्व कारक युद्ध खून खराबा और दुर्घटना का कारक ग्रह माना जाता है।
वर्तमान में यह राहू व केतु के बीच में भ्रमण कर रहा है। राहू को देख कर अति उत्तेजित हो रहा है और पृथ्वी पर अपनें गुणों के प्रभाव डाल रहा है। 21 जून 2018 को मंगल वक्र गति से चलने लगे तथा 27 अगस्त 2018 को मकर राशि में मार्गी हो गये । 6 नवंबर 2018 कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह का यह भ्रमण तथा शनि ग्रह से बना दूसरा व बारहवां योग दुनिया के इतिहास में एक नये व बडे घटनाक्रम को लिखने का काम करेगा तथा दुनिया में महाशक्ति शाली देशो के अर्थ को बदल देगा।