भोपाल। ज्योतिषी विवेचना के अनुसार गुरू के वक्री होने से मौसम संतुलित हुआ था। वर्तमान समय पर आकाशीय ग्रह गोचर स्थिति में गुरू चंडाली योग का प्रभाव बना हुआ है। साथ ही कालसर्प योग की छाया भी पूरे विश्व में है। ऐसी स्थिति में 4 दिनों में चार ग्रह का राषि परिवर्तन सभी प्रकार के कार्यों में अवरोध तथा असंतुलन की स्थिति निर्मित करेेगा।
नेहरू नगर स्थित ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक पं. विनोद गौतम ने बताया कि व्यापारिक देवता बुध 9 फरवरी को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा। वहीं, 11 फरवरी को चंद्रमा कुंभ राशि से मीन राशि में जायेगा। 12 फरवरी को शुक्र धनु राशि से मकर राशि में जायेगा। 13 फरवरी को सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा।
इन 4 दिनों में चार ग्रहों का राशि परिवर्तन मौसम को फिर से संतुलित करेगा। जिससे ठंड के दिनों में वृद्धि होगी। इस ग्रह परिवर्तन का प्रभाव आगामी एक पखवाड़े तक रहेगा। जिसमें वर्षा, बादल, चाल आदि के प्रभाव देखने को मिलेगे। वही आकाश मंडल में चल रहे दुर्ग्रही गुरू चंडाली योग तथा कालसर्प योग के दुर्योग का प्रभाव आतंकीय घटनाक्रम के साथ प्राकृतिक भूकंप आदि के योग निर्मित कर रहा है।
8 फरवरी 2016 को युगाब्द तिथि मौनी अमावस्या का संयोग आ रहा है। इस अमावस्या के दिन सोमवार का मिलन सोमवती अमावस्या का पुण्य प्रभाव देगा। ऐसी स्थिति में जहां श्रद्धालुगण पवित्र नदियों में सरोवरों आदि में स्नानदान कर पुण्य अर्जित करेंगे। वहीं सोमवार के दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति तथा सुख समृद्धि की कामना के साथ वट की परिक्रमा करेगीं। मौनी अमावस्या के साथ सोमवती अमावस्या का संयोग भक्तों के पुण्य प्रभाव में हजारों गुना वृद्धि करेगा।
विशेष:
ज्योतिष मठ संस्थान के अनुसंधान के अनुसार सन् 2016 में 80 प्रतिशत जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं की पत्रिका में पूर्ण कालसर्प दोष अथवा आंशिक कालसर्प दोष रहेगा। चाहे नवजात का जन्म किसी भी क्षेत्र शहर अथ्वा देश में किसी भी समय पर हुआ हो। इस दोष का प्रभाव नवजात की कुण्डली में देखने को मिलेगा।