न्यूज नजर : हल्दी पीली होती है, यह तो सभी जानते हैं। लेकिन आज हम आपको काली हल्दी के बारे में बताते हैं और यह भी जानकारी दे रहे हैं कि आखिर यह किस काम आती है।
काली हल्दी को धन व बुद्धि का कारक माना जाता है। काली हल्दी अनेक तरह के बुरे प्रभाव को कम करती है, लेकिन इसके पहले इसे सिद्ध करना पड़ता है।
शास्त्रों में काली हल्दी को चमत्कारी माना जाता है इसमें तांत्रिक और मांत्रिक ताकत छिपी होती है। इसके उपयोग से बीमार व्यक्ति को स्वस्थ्य किया जा सकता है। इसके अलावा यह तांत्रिक विधि से सिद्ध करने पर व्यक्ति को धनवान बनाती है। इस शास्त्र का जन्म भगवान शिव के मुख से हुआ माना जाता है। इसी विद्या के अंतर्गत बहुत सी सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। काली हल्दी इस विद्या में प्रयुक्त होने वाली एक महत्वपूर्ण सामग्री है।
कहते है की काली के साथ किया हुआ टोटका कभी खाली नहीं जाता है | सिद्ध की हुई काली हल्दी का प्रयोग कर आप जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ उठा सकते हैं।
काली हल्दी हिन्दू धर्म में तान्त्रिक प्रयोग करने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध सामग्री है |यह हर प्रकार के टोटको में काम आती है | यह रसोईघर के काम या मसालों में उपयोग नहीं आती है |काली हल्दी तंत्र ,ज्योतिष और आयुर्वेद में बहुत सारे चमत्कार दिखाती है | काली हल्दी के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है | जब तंत्र ,ज्योतिष और आयुर्वेद एकजुट हो जाते है तो एक नया रास्ता पैदा हो जाता है, यह बात आपको माननी पड़ेगी |
काली हल्दी का लंबा सा पत्र होता है जिसमे एक काले रंग की लकीर Line होती है | इंसान इसे दूर से ही देख के पहचान जाएगी की यह ही काली हल्दी है | लोग कहते है की काली हल्दी का मिलना बहुत मुश्किल है लेकिन यह पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं।
काली हल्दी बंगाल में चमत्कारी मेडिसिनल उपयोगों के कारण बहुत उपयोग में लायी जाती है |साधक इसे माता काली जी की पूजा करने में उपयोग करते है | यह घर में बुरी शक्तियों को प्रवेश नहीं करने देती |इसको ज्यादा बाधा का नाश करने में उपयोग करते हैं।
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क्या होती है काली हल्दी??
काली हल्दी दिखने में अंदर से हल्के काले रंग की होती है व उसका पौधा केली के समान होता है। काली हल्दी में बहुत ही गुणकारी प्रभाव होता है। इसमें वशीकरण की अद्भुत क्षमता होती है।
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काली हल्दी को घर लाने के लिए क्या करें—
काली हल्दी के पौधे को कंकू, पीले चावल से आमंत्रित कर होली वाले दिन लाया जाता है।
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समझें काली हल्दी को आमंत्रित करने का तरीका–
एक थाली में कंकू, चावल, अगरबती, एक कलश में शुद्ध जल रख, पवित्र कोरे वस्त्र पहन कर जाएं। फिर पौधे को शुद्ध जल से धोकर कंकू चढ़ाएं व पीले चावल चढ़ाकर 5 अगरबत्ती लगाकर कहें- मैं आपके पास अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु आया हूं कल आपको मेरे साथ मेरी मनोकामना की पूर्ति हेतु चलना है।
फिर होली की रात को जाकर एक लोटा जल चढ़ाकर कहें कि मैं आपके पास आया हूं, आप चलिए मेरी मनोकामना की पूर्ति हेतु। इस प्रकार काली हल्दी (यह जड़ होती है) खोदकर ले आएं। बस यही आपके काम की है।
यह प्रयोग अष्टमी से शुरू करके अगली अष्टमी तक नियमित करें। पूजा के साथ अष्टमी तिथि को उपवास रखें व ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
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जानिए काली हल्दी के लाभकारी प्रयोग–
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शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा।
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यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार “ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः ” का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है।
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यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आये दिन कोई मॅहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी।
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दीपावली के दिन करे यह प्रयोग–
दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
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यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीडि़त हो तो किसी अच्छे मूहूर्त में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। तत्पश्चात एक टुकड़ें में छेद कर धागे की मद्द से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेंवन कराते रहें। अवश्य लाभ मिलेगा।
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शुभ दिन में गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र हो, राहुकाल न हो, शुभ घड़ी में इस हल्दी को लाएँ। इसे शुद्ध जल से भीगे कपड़े से पोंछकर लोबान की धूप की धुनी में शुद्ध कर लें व कपड़े में लपेटकर रख दें। आवश्यकता होने पर इसका एक माशा चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन कराएँ व एक छोटा टुकड़ा काटकर धागे में पिरोकर रोगी के गले या भुजा में बाँध दें। इस प्रकार उन्माद, मिर्गी, भ्रांति और अनिन्द्रा जैसे मानसिक रोगों मे बहुत लाभ होता है।
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धन वृद्धि करने के लिए–
गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है।
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घर की सुरक्षा काली हल्दी से—
काली हलदी , श्वेतार्क मूल, रक्त चन्दन और हनुमान मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति गोमूत्र में मिलाकर लेप बनायें और उससे घर के मुख्या द्वार और सभी प्रवेश के दरवाजों के ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें। इससे किसी भी प्रकार की बुरी नज़र, टोना टोटका या बाधा आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
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यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।
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किसी शुभ दिन गुरु पुष्य या रवि पुष्य नक्षत्र हो, राहुकाल न हो, शुभ घड़ी में इस हल्दी को लाएँ। इसे शुद्ध जल से भीगे कपड़े से पोंछकर लोबान की धूप की धूनी में शुद्ध कर लें व कपड़े में लपेटकर रख दें। आवश्यकता होने पर इसका एक माशा चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन कराएँ व एक छोटा टुकड़ा काटकर धागे में पिरोकर रोगी के गले या भुजा में बाँध दें। इस प्रकार उन्माद, मिर्गी, भ्रांति और अनिन्द्रा जैसे मानसिक रोगों में बहुत लाभ होता है।
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काली हल्दी के 7 या 9 या 11 दाने बनाएँ। उन्हें धागे में पिरोकर धूप आदि देकर जिस व्यक्ति के गले में यह माला पहनाई जाए उसे ग्रहपीड़ा, बाहरी हवा, टोना-टोटका, नजर आदि से बचाया जा सकता है।
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यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें।
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गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में लपेटकर धूप आदि देकर कुछ सिक्कों के साथ बाँधकर बक्से या तिजोरी में रख दें तो धनवृद्धि होने लगती है।
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रोग नाशक टोटके–
यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।
यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गयी है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें।
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ज्योतिष में काली हल्दी का उपयोग—
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि जब किसी जातक की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीडि़त है, तो वह जातक यह उपाय करें-
शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे। यदि किसी के पास धन आता तो बहुत किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए।
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कुछ अन्य लाभकारी उपाय–
व्यक्ति विशेष हेतु वशीकरण के लिए —
काली हल्दी, श्वेतार्क की जड़, श्वेत चन्दन, गोरोचन, पान और हरसिंगार की जड़ पीस कर एक चाँदी की डिब्बी में लेप बनाकर रख लें। जिसे वश में करना हो उसके सम्मुख आने से पूर्व इसका तिलक धारण कर लें । काली हल्दी , श्वेतार्क मूल रक्त चन्दन और हनुमान मंदिर या काली मंदिर में हुए हवन की विभूति गोमूत्र में मिलाकर लेप बनायें और उससे घर के मुख्य द्वार और सभी प्रवेश के दरवाजों के ऊपर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें। इससे किसी भी प्रकार की बुरी नजऱ, टोना टोटका या बाधा आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
काली हल्दी का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से सौन्दर्य की वृद्धि होती है।
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ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि काली हल्दी का तंत्र शास्त्र में बड़ा महत्व है। इसमें अद्भुत शक्ति है इसका सम्यक उपयोग अपने और दूसरों के कल्याण के लिए किया जा सकता है। इसे आसानी से जागृत किया जा सकता है।
यदि किसी के पास पैसा आता तो बहुत है किंतु रुकता नहीं है, तो उन्हें इन उपायों को अवश्य आजमाना चाहिए। होली के बाद के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेसर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवाकर रुपया-पैसा रखने के स्थान पर रख दें। इस उपाय से धन रुकने लगेगा।