गुना। उन्हें भगवान महाकालेश्वर कहो या फिर नाम भोलेनाथ का दो, चाहे महादेव के नाम से पुकारो या फिर संबोधित जटाधारी का दो। है यह हम सबके आराध्य भगवान शिव शंकर।
इनकी विशेष आराधना का पर्व महाशिवरात्रि के रुप में इस बार 24 फरवरी को मनाया जाएगा। पर्व धूमधाम के साथ पूर्ण श्रद्धा भाव से मनेगा। चूंकि इस बार महाशिवरात्रि का पर्व उच्च शुक्र के विशेष संयोग के साथ कई मायनों में विशेष फलदायक है, इसलिए श्रद्धालुजनों में पर्व को लेकर खास उत्साह देखने को मिल रहा है।
शिवालयों पर अभी से तैयारियां शुरु हो गईं है तो घर-घर भी महादेव की आराधना को लेकर तैयारियां जोर पकडऩे लग गईं हैं।
शहर के नजदीक स्थित शिवालयों गादेर गुफा, मालपुर, केदारनाथ आदि को भी महाशिवरात्रि के अवसर पर आकर्षक तरीके से सजाया जाएगा। यहां हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महादेव के दर्शनार्थ पहुँचेंगे। महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अभिषेक अत्यंत फलदायी वर्तमान में शक्र ग्रह मीन राशि में उच्च का होकर स्थित है।
पंडित लखन शास्त्री के मुताबिक शिवरात्रि का दिन शुक्रवार होने से श्रवण नक्षत्र के साक्षी सर्वार्थ सिद्धियोग अमृत योग एवं त्रियोदशी प्रदोष का योग भक्तों को ऐश्वर्य एवं भौतिक सुखों में उन्नति व वृद्धि दिलाएगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अभिषेक अत्यंत फलदायी होगी, क्योंकि शास्त्रों में शुक्र को भौतिक सुखों व धन एवं संवाद का कारक माना गया है।
आचार्य के मुताबिक उच्च का शुक्र इस समय शिवरात्रि पर मीन राशि में स्थित है। महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष शांति पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। जिन व्यक्तियों को कालसर्प दोष है, उन्हें इस संयोग में दोष की शांति कराना श्रेष्ठ रहेगी। पंडित लखन शास्त्री के मुताबिक भगवान शिव की आराधना करने से सुख-समृद्धि आती है और हर समय सुखमय वातावरण रहता है। भगवान की आराधना से ही सारे रुके हुए कामों में भी सफलता हासिल होती है।