नई दिल्ली। यूं तो बड़ा दिन 25 दिसंबर को मनाया जाता है लेकिन वास्तव में साल का सबसे बड़ा दिन आज 21 जून को ही होता है। एक साल में 365 दिन होते हैं। सबसे बड़ी रात 24 दिसंबर को होती है। 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होते हैं जबकि 21 जून को सबसे बड़ा दिन होता है। इसके अलावा खास बात यह भी है कि आज दोपहर कुछ समय के लिए आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देगी। इसे मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्पष्ट देखा जा सकेगा।
21 जून को भारत सहित पूरे उत्तरी गोलार्द्ध के सभी देशों में दिन बड़ा और रात छोटी होती है। एक पल ऐसा भी आता है जब परछाई तक गायब हो जाती है। इस दिन को ग्रीष्म अयनांत भी कहते हैं।
दरअसल, 21 जून को सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से चलकर भारत के मध्य से गुजरी कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती हैं। यही वजह है कि 21 जून को दिन बड़ा और रात छोटी होती है।
पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने के साथ अपने अक्ष पर भी घूमती है। पृथ्वी की यह सामान्य प्रक्रिया है। वह अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसकी वजह से सूरज की रोशनी धरती पर हमेशा एक जैसी नहीं पड़ती और दिन रात की अवधि में अंतर आता है। 21 जून के दिन दोपहर में सूरज बहुत ऊंचाई पर रहेगा। इसके बाद 21 सितंबर के आसपास दिन व रात की अवधि बराबर हो जाती है। इसके बाद दिन के मुकाबले रात बड़ी होने लगती है। यह प्रक्रिया 23 दिसंबर तक जारी रहती है। इस दिन की रात साल की सबसे लंबी होती है, जबकि दिन सबसे छोटा होता है।
परछाई गायब क्यों हो जाती है
इस दिन सूरज ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है। करीब 15 से 16 घंटे तक सूर्य की रोशनी धरती पर पड़ती है। इसलिए 21 जून को कुछ पल के लिए परछाई भी नहीं बन पाती।
दक्षिणी गोलार्द्ध में विपरीत स्थिति
दक्षिणी गोलार्द्ध में ठीक इसका विपरीत होता है। जहां उत्तरी गोलार्द्ध में रह रहे लोगो के लिए 21 जून को गर्मी का मध्य माना जाता है, वहीं दक्षिणी गोलार्द्ध के लोगो के लिए यह सर्दी का मध्य माना जाता है।
कभी-कभी होता है परिवर्तन
21 जून को यूं तो सालों से सबसे बड़ा दिन माना जाता है लेकिन हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। यह 20 जून, 21 जून और 22 जून में से किसी भी दिन हो सकता है, जिसमें 22 जून को दुर्लभ होता है। पिछली बार साल 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन रहा था और अब 2203 में ऐसा होगा।
उज्जैन ही क्यों
कर्क रेखा नजदीक होने के कारण प्रतिवर्ष होने वाली खगोलीय घटना के तहत मध्यप्रदेश के उज्जैन में 21 जून को कुछ समय के लिए परछाई गायब हो जाएगी।
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक बताया कि प्रतिवर्ष होेने वाली खगोलीय घटना के तहत पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण के कारण सूर्य 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है।
दोपहर में सूर्य की किरणें लम्बवत होने के कारण परछाई शून्य हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को यहां की शासकीय जीवाजी वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। शंकु की परछाई नहीं दिखेगी।