न्यूज नजर। शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य अब थम गए हैं। देवउठनी ग्यारस के साथ शुरू हुआ मांगलिक महोत्सव का शुक्रवार को अंतिम दिन रहा और इसके बाद शनिवार से इस पर अगले लगभग चार माह के लिए विराम लग गया।
शादी-ब्याह के लिए अंतिम मुहूर्त होने के कारण राजस्थान में हजारों जोड़े नवजीवन की शुरुआत के संकल्प के साथ विवाह बंधन में बंधे। हालांकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के खतरे और उसको लेकर कई प्रशासनिक बंदिशों के कारण इन मांगलिक आयोजनों में आम तौर की तरह धूमधाम नहीं थी लेकिन फिर भी खूब चहल.पहल देखने को मिली। इस कोशिश में कई जगह सरकारी पाबंदियां भी टूटी।
कई जिलों में रात्रि आठ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू होने के बावजूद देर रात तक वैवाहिक आयोजन होता देखा गया और नियम विरुद्ध होने के बावजूद भी सरकारी मशीनरी को मानवीय आधार पर ऐसा होते देखना पड़ा। अनेक आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग टूटी लेकिन इसके बावजूद जागरूक लोगों ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए मास्क पहनने जैसी जरूरी सावधानी अवश्य बरती।
इस वर्ष मार्च महीने में वैश्विक महामारी कॉविड. 19 के चलते शादी. ब्याह सहित कई सार्वजनिक कार्यक्रमों पर सरकारी बंदिशें लागू होने के बाद गत 25 नवंबर को देव उठनी ग्यारस से लेकर बीते लगभग 18 दिनों में शादी-ब्याह की जबरदस्त धूम के कारण और सरकार की ओर से कई छूट मिलने की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ठप हो गए कई काम-धंधों को गति मिली जिसमें मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल, कैटरिंग, घोड़ी, बैंड, बाजा, होटल, ब्यूटी पार्लर, जेवरात, कपड़ों का कारोबार करने वाले व्यवसाई शामिल हैं जिससे इन व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिक संबल मिला।
आज से अब अगले लगभग चार माह तक इन मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी और अब विवाह के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत अगले साल 25 अप्रैल से ही होगी। हालांकि इस बीच 16 फरवरी को बसंत पंचमी का अबूझ सावा आएगा जिस पर बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजन होने की उम्मीद है और उसके लिए अभी से ही कोरोनाकाल जारी रहने और उसके निदान के लिए वैक्सीन आने की उम्मीद के बीच मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल, होटल, कैटरिंग आदि की बुकिंग शुरू हो गई है।
बसंत पंचमी के बाद मलमास के दौरान 25 अप्रैल से अगले साल वैवाहिक आयोजनों के लिए कम से कम 50 शुभ मुहूर्त होंगे जब एक बार फिर शहनाइयां की मधुर धुन और बैंड बाजों के साथ रौनक लौटेगी।