न्यूज नजर : अनार का पौधा इंसान की किस्मत को बदल सकता है। प्रचलित मुहावरा भी हैं कि–
“एक अनार कोई न होगा बीमार, ऐसा कहा जाता है !”
अनार एक स्वादिष्ट एवं पौष्टिक फल है। यह फल ह्रदय रोग, संग्रहणी, वमन में लाभकारी व बल वीर्यवर्धक है।
हमारे वेदों के अंग “आयुर्वेद” में विभिन्न रोगों के उपचार हेतु जड़ी-बूटियां, वृक्षों की छाल, फल, फूल व पत्तों से निर्मित औषधियों का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में उगाये गए वृक्ष न सिर्फ घर को आकर्षक बनाते हैं बल्कि सकारात्मक उर्जा का संचार भी करते हैं। हमारे देश में पेड़-पौधों के पूजन की परम्परा बहुत पुरानी है जिसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है।
ध्यान रखें कि जिस घर से पूर्व, उत्तर, पश्चिम अथवा ईशान दिशा में बाग या बगीचा होता है उस घर में धनवान , यशस्वी, दानी, मृदुभाषी और धार्मिक स्वभाव के लोगों का निवास होता है लेकिन जो व्यक्ति आग्नेय, दक्षिण, नैत्रत्य अथवा वायव्य दिशा में वाटिका बनाता है उसे धन और संतान की हानि तो होती ही है इसके साथ साथ वह स्वयं भी अल्प आयु और रोगी होता है। वह पाप कर्म में लिप्त होता है और उसे इस लोक और परलोक में अपयश का सामना करना पड़ता है अत: घर में बगीचा किस ओर हो इसका निश्चय ही ज्ञान अवश्य रखना चाहिए ।ज्योतिष शास्त्र में वृक्षों को देवताओं और ग्रहों के निमित्त लगाकर उनसे शुभ लाभ प्राप्त किए जाने का उल्लेख मिलता है।आचार्य वराहमिहिर ने वृक्षों को वस्त्र से ढककर चंदन और पुष्पमाला अर्पित कर उनके नीचे हवन करने को श्रेष्ठ बताया है। पितरों की संतुष्टि के लिए भी वृक्ष लगाने की परंपरा है।
वास्तु नियमों के अनुसार वास्तुशास्त्र में बताया गया है की हमें अपने घर में अनार का पौधा ज़रूर लगाना चाहिए जिसके कारण आपकी किस्मत के दरवाजे खुले जाते हैं।
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अगर अनार का पौधा घर में होता है तो ग्रह दोष दूर हो जाते है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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अनार के पौधे घर से बाहर आग्नेय दिशा में लगाना शुभ माना गया है।
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धन, सुख समृद्धि और घर में वंश वृद्धि की कामना रखने वाले घर के आग्नेय कोण (पूरब दक्षिण) में अनार का पेड़ जरूर लगाएं। यह अति शुभ परिणाम देता है।
वैसे अनार का पौधा घर के सामने लगाना सर्वोत्तम माना गया है । घर के बीचोबीच पौधा न लगाएं।
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यदि अनार के फूल को शहद में डुबाकर नित्यप्रति या फिर हर सोमवार भगवान शिव को अगर अर्पित किया जाए, तो भारी से भारी कष्ट भी दूर हो जाते हैं और व्यक्ति तमाम समस्याओं से मुक्त हो जाता है।
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पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं कि अनार चढ़ाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं एवम मनोकामनाएं पूरी होती है।
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हमारे शास्त्रों के माना जाता है कि अनार के पौधे में विष्णु-लक्ष्मी का वास होता है। इस घर में लगाने से पैसों की तंगी नहीं आती है। अनार की लकड़ी का प्रयोग यंत्र बनाने में भी किया जाता है।
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वास्तुशास्त्र में बताया गया है की हमें अपने घर में अनार का पौधा ज़रूर लगाना चाहिए. जिनको घर के बहार रोपने अर्थात लगाने से खुल सकते हैं आपकी किस्मत के द्वार। अगर अनार का पौधा घर में होता है तो ग्रह दोष दूर हो जाते है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। घर से बाहर आग्नेय दिशा में लगाना शुभ माना गया है।
अनार की कलम का तंत्र सार में अत्यधिक महत्व बता गया है।
अनार के पौधे को कभी भी उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
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ऐसी मान्यता है के, अनार के फूल को शहद में डुबो कर प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को समर्पित करने से भारी से भारी कष्ट भी दूर होंगे।
भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में ज्यादा पाए जाते हैं।
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यह हैं अनार की लकड़ी का महत्व–
अगर आपके काम में बार-बार कोई बाधाएं आ जाती है तो अनार की लकड़ी को प्रयोग करें। महीने में एक बार राहु के स्वाति नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर घर लाएं। लकड़ी तोड़ने से पहले पेड़ से माफी जरूर मांगनी चाहिए। घर लाकर उस लकड़ी पर चावल, फल, मिठाई चढ़ाएं। धूप-दीपक जलाकर पूजा करें, चांदी का ताबीज में अनार की लकड़ी डालकर शनिवार को काले धागे में गले में पहनें। ऐसा करने से आपको शत्रु शांत हो जाएंगे।
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कैसे करें धन लाभ के लिए अनार की डंडी का प्रयोग–
महीने में एक बार पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की टहनी लाएं, पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर टहनी की फल, फूल, मिठाई से पूजा करें। इसके बाद चार मुखी दीपक से टहनी की पांच बार आरती करें। तांबे के लोटे में पानी रखें। कुबेर मंत्र का जाप करें। लोटे का पानी पूरे घर में छिड़के। यह पूजा 21 दिन तक करनी चाहिए। इस टहनी को पीले कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखें। धन का लाभ होगा।