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IAS और IPS अफसरों ने होटल कर्मचारियों को पुलिस से पिटवाया, 8 सस्पेंड

अजमेर। जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दो दिन पहले एक होटल में कर्मचारियों को पुलिस बुलवाकर पीटना और पिटवाना एक आईपीएस अधिकारी, उसके दोस्त आईएएस अधिकारी समेत करीब 8 सरकारी कारिंदों को भारी पड़ गया। राजपूत समाज की एक चिट्ठी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी को सस्पेंड कर दिया। इनमें से कुछ अरेस्ट भी हुए हैं। दिन में शिकायत के कुछ ही घण्टे बाद गहलोत सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया। दिन में राजपूत समाज के लोगों ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को शिकायत दी थी। रात होते-होते सभी आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया।
सस्पेंड किए गए आईपीएस अधिकारी सुशील कुमार बिश्नोई को हाल ही नवगठित गंगापुर जिले का विशेषाधिकारी लगाया गया है। उनके साथ ही आईएएस अधिकारी गिरधर चौधरी को निलंबित कर दिया है। गिरधर अजमेर विकास प्राधिकरण के कमिश्नर थे। निलंबन काल के दौरान IAS गिरधर चौधरी का मुख्यालय कार्मिक विभाग और IPS सुशील कुमार का मुख्यालय डीजीपी कार्यालय जयपुर रहेगा।
 इस मामले में अनुचित फेवर करने के आरोप में गेगल थाने के तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है। इन आदेशों की राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में जबर्दस्त चर्चा है।
आईपीएस सुशील कुमार के तबादले पर हुई थी पार्टी
उल्लेखनीय है कि शराब पार्टी और मारपीट की यह घटना तीन दिन पहले 11 जून की रात को अजमेर के गेगल थाना इलाके में स्थित जयपुर-अजमेर हाईवे पर स्थित होटल मकराना राज में हुई थी। यह पार्टी आईपीएस सुशील कुमार के तबादले के बाद की गई थी। सात जून को आई तबादला सूची में अजमेर मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार को नए बनाए गए जिले गंगापुर में प्रभारी अधिकारी लगाया गया था। उसके बाद सुशील कुमार ने अपने मित्रों के साथ यह पार्टी की थी।

पार्टी में टोंक जिले के तीन सरकारी कर्मचारी और अन्य लोग शामिल थे। शहर के एक होटल में पार्टी के बाद रात में ये अफसर कारों में सवार होकर होटल मकराना राज में खाना खाने पहुंचे। वहां बाहर कार में ही ड्रिंक कर रहे थे। इसी दौरान विश्नोई ने रेस्टोरेंट के एक कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया। इस पर बाकी कर्मचारियों ने अफसरों से धक्का मुक्की कर दी। थोड़ी ही देर में अफसरों ने गेगल थाने से पुलिस टीम बुलवा ली और होटल कर्मचारियों को कमरों में घुसकर बेरहमी से पीटा। यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी।

अधिकारियों की मौजूदगी के वीडियो आए सामने
अगले ही दिन यह मामला चर्चा में आ गया। जांच के दौरान आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की मौजूदगी के स्पष्ट वीडियो सामने आ गए थे। यह खबर प्रसारित होने के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया। वीडियो में दोनों अधिकारियों की लापरवाही मानी गई है। इस पर सरकार ने मामले में जांच बिठा दी। दोनों अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल जांच चल रही है। ऐसे में सरकार ने इस प्रकरण में दोनों अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए तुरंत प्रभाव से दोनों को निलंबित कर दिया है।

उधर एसपी चूनाराम जाट ने एएसआई रूपाराम सहित तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। टोंक के तीन कार्मिकों को भी सस्पेंड किया गया है।