करौली। आज भी लोग बेटा पैदा करने को ही जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद मानते हैं। उन्हें इसी बात की चिंता रहती है कि उनके दुनिया से जाने के बाद वंश चलाने वाला होना चाहिए। इसी सोच के चलते लोग दूसरा विवाह करने से भी नहीं चूकते, भले ही उम्र कितनी भी हो चुकी हो।
इन दिनों सैमरदा गांव में हुई एक शादी खूब चर्चा में है। पुत्र की चाहत में 83 साल के बुजुर्ग ने अपने से 53 साल छोटी यानी 30 साल की महिला से धूमधाम से शादी रचाई है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि इस शादी की इजाजत इस बुजुर्ग की पहली पत्नी ने दी थी।
83 साल का दूल्हा सुखराम बैरवा पहले से विवाहित है। पहली पत्नी विमला साथ ही रह रही हैं। सुखराम के दो बेटियां, दामाद और उनके पांच बच्चे, सब उनके साथ ही घर में रह रहे हैं। सुखराम बैरवा के बेटे की करीब 10 साल पहले एक हादसे में मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद परिवार का कोई पुरुष वारिस नहीं बचा। अपना वंश चलाने के लिए इस बुजुर्ग जोड़े ने अनोखा कदम उठाया। समाज के पंच पटेलों की रजामंदी से सुखराम का रिश्ता 30 साल की रमेशी के साथ तय हुआ। इसके बाद सुखराम गाजे-बाजे के साथ रमेशी के गांव बारात लेकर पहुंचा। वहां समाज के पंच-पटेल और रिश्तेदारों की मौजूदगी में उसने रमेशी के साथ फेरे लिए और उसे ब्याहकर अपने घर ले आया।
सुखराम बरसों से दिल्ली में भवन निर्माण कार्य में ठेकेदारी कर रहा है। उसने काफी सम्पत्ति बना ली लेकिन वंश चलाने वाला नहीं बचने के कारण दूसरी शादी की, ताकि अपना वारिस पैदा कर सके।