नई दिल्ली। अगर लड़कियां इतने उत्तेजक कपड़े पहनेंगी तो रेप होगा ही…, जितना कसूर लड़कों का है उतनी ही लड़कियां भी दोषी हैं। भारत में रेप की वारदातों के बाद आपने अक्सर ऐसी बेशर्म टीका टिप्पणी सुनी-पढ़ी होगी।
रेप का सीधा ताल्लुख लड़की के कपड़ों से जोड़ दिया जाता है। वैसे फोरेंसिक जांच के लिए भी पीड़िता के कपड़े अहम साक्ष्य होते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि पीड़िता के कपड़ों की वजह से ही दुराचारी उत्तेजित हुआ होगा। लोगों की इसी सोच पर से पर्दा उठाने के लिए बेल्जियम में एक खास प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था।
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स के Molenbeek जिले में ‘Is it my fault’ थीम के साथ एक प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में बलात्कार पीड़िताओं द्वारा पहने गए कपड़ों को दिखाया गया। विक्टिम सपोर्ट ग्रुप ‘CAW’ ने यह कपड़े मुहैया करवाए ठगे। ये कपड़े बिलकुल वैसे ही थे, जैसे रेप विक्टिम्स के अनुसार उन्होंने उस कृत्य के दौरान पहने थे।
इस प्रदर्शनी का मकसद यह साबित करना था कि किसी पीड़िता के वजह से कोई दुष्कर्मी उत्तेजित नहीं होता। यह दावा बिलकुल व्यर्थ था। इस एग्जीबिशन में ट्रैक सूट, पजामा से लेकर जींस टॉप तक जैसे कपड़े शामिल थे। इन कपड़ों में पुलिस की भी एक ड्रेस शामिल थी। यहां तक कुछ कपड़े तो छोटे-छोटे बच्चों के भी थे। ऐसे में यह संकीर्ण सोच कमजोर पड़ जाती है कि किसी बच्ची ने रेपिस्ट को उकसाया होगा।
यौन शोषण के मामलों में पीड़िता पर अंगुली उठाना एक बड़ी समस्या है। यह माना जाता है कि हमलावर को उत्तेजित करने में उनका थोड़ा हाथ तो होता ही है| उनका यह भी मानना है कि समाज पीड़ितों को अपना अनुभव साझा करने के लिए कभी उत्साहित नहीं करता है।