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प्रसाद के रूप में कहीं बंटती चॉकलेट तो कहीं जैम, पढ़िए मंदिरों की रोचक परम्पराएं

हमारा देश अजब परम्पराओं के लिए मशहूर है। हर क्षेत्र में एक से बढ़कर एक रोचक तथ्य मिल जाएंगे, फिर बात चाहे सामाजिक क्षेत्र की करें या धार्मिक की। चलिए, आज हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों से अवगत कराते हैं जो अपनी विविधता के साथ ही अपने खास प्रसाद के लिए भी चर्चित हैं।

यहां प्रसाद में मिलता है गीला कपड़ा

गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान 3 दिन के लिए मां के दर्शन आम भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं और चौथे दिन जब मंदिर के द्वार खुलते हैं तो बहुत बड़ी संख्या में भक्तों का तांता मां के दर्शन के लिए लग जाता है। प्रसाद के रूप में प्रत्येक भक्त को एक गीला कपड़ा प्राप्त होता है। कहा जाता है की ये कपड़ा मां के रज से भीगा होता है।

ज्ञान साहित्य

केरल के थ्रिसुर में स्थित महादेव मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को खाने की सामग्री की बजाए ब्रोशर्स, सीडी-डीवीडी और टैक्स्ट बुक्स वितरित की जाती हैं। मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि ज्ञान के प्रचार आैर प्रसार से बढ़कर अन्य कोई प्रसाद हो ही नहीं सकता।

चूहों की झूठन


राजस्थान के बीकानेर में स्तिथ यह मंदिर चूहों वाला मंदिर और करणी माता, चूहों वाली माता के नाम से भी जानी जाती है। इस मंदिर में 20000 से ज्यादा चूहें रहते है।  इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है की यहाँ चूहों का जूठा प्रसाद भक्तों को दिया जाता है। यहाँ पर रहने वाले चूहें माता की संतान माने जाते है।

नूडल्स

कोलकाता के टांगरा में स्थित चाइनीज काली मंदिर में आने वालों को नूडल्स का प्रसाद मिलता है।

चॉकलेट


केरल के अलेप्पी में बना हुआ है बालसुब्रमणिया मंदिर। बालामुरुगन भगवान को चॉकलेट बहुत प्रिय है। इसलिए यहां भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट ही अर्पित की जाती है और चॉकलेट का ही प्रसाद वितरित किया जाता है।

56 भोग

जगन्नाथ मंदिर से आरंभ होने वाली रथयात्रा विश्व भर में लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में भगवान को प्रसाद के रूप में 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। उसके बाद जिन भक्तों ने इस प्रसाद को ग्रहण करना हो वह आनंद बजार के स्टॉल्स से इसे खरीद लेते हैं।

पायसम


केरल के थिरुवंथपुरुम के समीप ही बने अमाब्लपुझा में भगवान कृष्ण के मंदिर में प्रसाद के तौर पर दूध, चीनी और चावल से निर्मित पायसम मिलता है।

जैली


तमिलनाडु के पलानी में स्थित भगवान मुरुगन के मंदिर में प्रसाद के रूप में पांच फल, गुड़ और शुगर कैंडी को मिलाकर “जैम” जैसी खाद्य सामग्री प्रसाद के रूप में दी जाती है।

डोसा

 तमिलनाडु के मदुरै में बने भगवान विष्णु के अलागार मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में डोसा मिलता है। जाहिर है कि तमिलनाडु में डोसा सभी को बेहद पसंद है और वह लोगों का मुख्य भोज्य है।

 

शराब

उत्तरप्रदेश के सीतापुर में स्थित खबीस बाबा मंदिर में शराब का प्रसाद अर्पित किया जाता है और प्रसाद के रूप में वही शराब भक्तों में वितरित कर दी जाती है।