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धीरे-धीरे पेड़ बनता जा रहा है वह

ढाका। पच्चीस साल का एक इंसान धीरे-धीरे पेड़ बनता जा रहा है। दुनिया भर के डॉक्टर उसका इलाज ढूढने और उसकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी को कोई इलाज नहीं मिला है। इस शख्स का अपना नाम अब्दुल बजनदार है, लेकिन अब लोग उसे ‘ट्रीमैन’ के नाम से पुकारते हैं।

अब्दुल के दोनों हाथ बिल्कुल ऐसे हो गये हैं जैसे किसी पेड़ की मोटी टहनियां होती हैं। पेड़ की डाल और जड़ो की शक्ल में तब्दील होते उसके हाथ-पैरों को देखता है वो अचरज और संवेदना से बर जाता है। सात साल पहले तक अब्दुल ढाका की सड़कों पर ऑटो चलाता था।

अचानक उसके हाथों में परिवर्तन आने लगा। उसकी उंगलियां किसी पेड़ की सूखी डाल में तब्दील होने लगीं। उसको ग़ाज़ी हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसे ढाका मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल रैफर कर दिया। आज कल उसकी देखभाल डॉक्टर सामन्ता लाल सेन कर रहे हैं।

डॉक्टर सेन बताते हैं कि यह बीमारी ह्युमन पैपलिओमा वायरस के कारण होती है। अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है। अब्दुल से पहले इंडोनेशिया में कोसवारा नाम के एक व्यक्ति को भी ऐसी ही बीमारी हुई थी। वो पहला ‘ट्रीमैन’ था। उन्होंने बताया कि दुनिया भर के डॉक्टर्सह्युमन पैपलिओमा वायरस का इलाज खोजने में लगे हैं।