नई दिल्ली. ये दुनिया कितनी अजीबोगरीब है इसका अंदाजा आपको तभी लगेगा जब आप इस दुनिया की विचित्र चीजों के बारे में जानेंगे. हर देश में कुछ न कुछ बेहद अनोखा होता है. कहीं ‘स्वर्ग का दरवाजा’ है तो कहीं ‘पाताल जाने का मार्ग’ है. आज हम आपको ऐसी ही एक विचित्र चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे ठंडी जगह यानी एंटार्कटिका (Red glacier Antarctica) में है. यहां सफेद की जगह ‘लाल बर्फ’ (Blood red ice in Antarctica) नजर आती है जिसमें से पानी की जगह ‘खून’ निकलता है!
‘ब्लड फॉल्स’ (Blood Falls) का राज सालों से वैज्ञानिकों को हैरान कर रहा था पर उन्होंने इसका सच एक रोज खोज ही निकाला जिसके बाद लोगों को पता चला कि ये असल में लाल बर्फ या खून नहीं, सिर्फ प्रकृति के अनोखेपन की वजह से ऐसा है.
टेलर ग्लेशियर (Taylor Glacier) के नाम से फेमस एंटार्किटका में एक ग्लेशियर है जिसमें से लाल रंग निकलता नजर आता है. ये मैक मर्डो ड्राय वैली में है और सबसे पहले इसे 1911 में खोजा गया था. दशकों तक वैज्ञानिक इसके राज को खोजने में लगे हुए थे.
वैज्ञानिकों ने सुलझा ली गुत्थी
हाल के सालों में यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का फेयरबैंक्स ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है. शोध के अनुसार लाल ग्लेशियर या बर्फ आज से नहीं, करीब 15 लाख साल से मौजूद है और ये लगातार जारी ऑक्सीकरण की वजह से है. दरअसल, इस घाटी में नमक की वजह से खारा पानी है जिसमें आयरन की मात्रा काफी ज्यादा है. ये एक बंद तालाब में है जिसमें धूप या ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाते. इस वजह से इसमें उनकी मात्रा काफी कम है.
जब पानी का फ्लो हवा के ऑक्सीजन से संपर्क में आता है, तो उसमें मौजूद आयरन में ज़ंग लग जाता है जिसकी वजह से वो पानी के रंग को लाल कर देता है. इस इलाके में लोग नहीं रहते हैं क्योंकि यहां का मौसम बहुत ही ठंडा है. ब्लड फॉल पहुंचने के लिए सिर्फ हेलीकॉप्टर ही एक मात्र विकल्प है जो अमेरिका के मैकमर्डो स्टेशन से मिल सकता है या फिर न्यूजीलैंड के स्कॉट बेस से मिल सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि उस पानी में कई जीवाणु रहते हैं जो उसी आयरन और सल्फेट की मदद से पनपते हैं.