भोपाल। हम किसी भी मन्दिर में जाते हैं तो सबसे पहले अपने चप्पल-जूते बाहर उतारते हैं। फिर प्रसाद चढ़ाते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां प्रसाद में कोई मिष्ठान नहीं बल्कि चप्पल मिलेगी।.. जी हां, आपने सही पढ़ा।
भगवान के प्रति इंसानी आस्था ऐसी है कि मंदिरों में चप्पल, जूते रखने की बात तो दूर हम सपने में भी ऐसे ख्याल आने को गुनाह मानते हैं। लेकिन इस मंदिर में मां दुर्गा को नई चप्पल और सैंडिल चढ़ाई जाती है।
इस मंदिर का नाम जीजी बाई का मंदिर है, जो भोपाल के कोलार इलाके में एक पहाड़ी पर बना है। जब जगदलपुर बड़ी मात्रा में चप्पल जमा हो जाती हैं तो आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में बांट दी जाती हैं।
गर्मी के मौसम में इस मंदिर में देवी मां के भक्त चप्पल के साथ-साथ चश्मा, टोपी और घड़ी भी चढ़ाते हैं। मंदिर के सेवक ओम प्रकाश महाराज बताते हैं कि यहां मां दुर्गा की देखभाल एक बेटी की तरह होती है।
इस मंदिर को लोग सिद्धिदात्री पहाड़ावाला मंदिर भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि तकरीबन 18 साल पहले ओम प्रकाश नाम के एक महाराज ने मूर्ति स्थापना की थी। कहा जाता है कि इस महाराज ने तब शिव-पार्वती का विवाह कराया था और खुद कन्यादान किया था। तब से ओम महाराज मां सिद्धिदात्री को अपनी बेटी मानकर पूजा करते हैं।
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