श्रीनगर/नई दिल्ली। पिछले एक सप्ताह से घाटी में चल रहे तनाव और हिंसा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने जुमे की नमाज में जुटने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए यहां के सभी दस जिलों में शुक्रवार को कर्फ्यू लगा दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि गत शनिवार से कश्मीर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है और एक बेचैन करने वाली चुप्पी यहां पसरी हुई है। अधिकारी ने कहा कि कर्फ्यू लगाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इस बात की आशंका है कि जुमे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में जुटे लोगों पर ताजा हिंसा भड़काने के लिए फायदा उठाया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के जवानों को बड़ी संख्या में घाटी में तैनात किया गया है ताकि निषेधाज्ञा का सख्ती के साथ पालन हो। वहीं, प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल टेलीफोन सेवाओं को फिलहाल निलंबित कर दिया है। इस दौरान केवल सिर्फ बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शन ही काम कर रहे हैं।
हिजबुल के आतंकी बुरहान वानी और उसके दो साथियों की सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी। अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में हुई इस मुठभेड़ के बाद कश्मीर में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में एक पुलिसकर्मी समेत ३७ लोग मारे गए हैं जबकि 1500 सुरक्षाकर्मियों समेत 3140 लोग घायल हो गए हैं। अलगाववादियों की ओर से बुलाए गए बंद के कारण और प्रशासन की ओर से लगाए गए कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों के कारण शनिवार के बाद से ही घाटी में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।