उज्जैन। प्रदेश सरकार की देखरेख में हुए सिंहस्थ कार्यों पर सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों की नजर टेढ़ी हो गई हैं। सिंहस्थ कुंभ भले ही संपन्न हो गया लेकिन इसमें हुए भ्रष्टाचार के आरोप शिवराज सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। सांसद चिंतामणि मालवीय ने मेला अधिकारी को पत्र लिखकर सिंहस्थ में हुए कार्यों का सिलसिलेवार ब्यौरा मांगा है, साथ ही उनके खर्च व प्रक्रिया का विवरण भी। चर्चा है कि सिंहस्थ कार्यों में हुई उपेक्षा से वे अधिकारियों से खफा हैं, लेकिन उनका कहना है कि जनप्रतिनिधियों का काम है जानकारी मांगना, यह सामान्य प्रक्रिया है। विभाग सही जानकारी दे, ये प्रॉटोकॉल है।
मेला कार्यालय भेजा पत्र
सिंहस्थ समाप्ति के चंद दिन बाद ही सांसद ने मेलाधिकारी अविनाश लवानिया के नाम पत्र मेला कार्यालय भेज दिया, जिसमें लिखा गया है कि समय-समय आयोजित बैठकों में कई बार आपसे चाही गई जानकारी अब तक उपलब्ध ना करवाना सिंहस्थ कार्यों में बरती जा रही अधिकारिक स्तर की लापरवाही व आवंटित राशि के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार की संभावनाओं की ओर इंगित करता है।
लवानिया को बोल चुके हैं करप्शन फ्रेंडली
सांसद ने अभी लिखे पत्र में 8 बिंदुओं की जानकारी अविलंब चाही है। बता दें, करीब एक साल पहले जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट का विवरण भी उन्होंने लवानिया से चाहा था, लेकिन निगम प्रशासन वांछित दस्तावेज नहीं दे पाया था। जिस पर उन्होंने लवानिया को करप्शन फ्रेंडली तक कह दिया था।
मांगी गई जानकारी
– मेला कार्यालय कॉल सेंटर संबंधित अपनाई गई संपूर्ण प्रक्रिया व नस्ती।
– स्मार्ट पार्किंग कार्य में हुआ खर्च व ठेके संबंधी नस्ती।
– शिप्रा के ओजानेशन प्लांट के लिए जारी निविदा व सक्षम स्वीकृतियां
– सिंहस्थ क्षेत्र में निर्मित अस्थाई शौचालयों से संबंधित संपूर्ण विवरण।
– सौंदर्यीकरण की आवंटित बजट राशि, पौधों की संख्या एवं निविदा प्रपत्र।
– मेला क्षेत्र में नलकूप का आवंटित बजट, हुए नलकूपों की संख्या व भौतिक सत्यापन रिपोर्ट।
– ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन का निर्धारित बजट राशि व जल मंदिर स्थापना से संबंधित विवरण।