नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। नामदेव समाज का मूल व्यवसाय या यूं कहें कि मूल आजीविका का साधन सिलाई अब संकट में है। विभिन्न समाजों के लोग सिलाई सीखकर इस व्यवसाय में आ चुके हैं। रही सही कसर आधुनिक ऑटोमैटिक सिलाई मशीनों और रेडिमेड गारमेंट व्यवसायी ने पूरी कर दी। इसका सीधा-सीधा असर नामदेव समाजबंधुओं के रोजगार पर पड़ा है। बुंदेलखंड क्षेत्र मेंं नामदेव समाज की स्थिति बेहद पिछड़ी है। वहां समाजबंधु सिलाई और बीड़ी बनाकर जैसे-तैसे अपना पेट पाल रहे हैं। सिलाई का काम भी अन्यों ने छीन लिया है। इस वजह से नामदेव बंधुओं के लिए जीवन यापन मुश्किल हो गया है। जरूरत इस बात की है कि सामाजिक संगठनों के स्तर पर इस मुद्दे पर गंभीर मंथन करके सरकार के समक्ष समाज का पक्ष रखना चाहिए। केवल मध्यप्रदेश ही नहीं, लगभग पूरे देश में यही स्थिति है। ऐसे में केन्द्र सरकार से मिलकर, उस पर दबाव बनाकर सिलाई संरक्षण एवं विकास संगठन का प्रयास करना चाहिए। हालांकि सामाजिक स्तर पर इस बारे में पहले से गंभीर मंथन चल रहा है, जल्द ही प्रदेश स्तरीय बैठक भी होने वाली है। ऐसे में नामदेव समाज बंधुओं, खासकर युवाओं को रणनीति बनाकर अपना पूर्ण सहयोग देकर समाज के लिए सरकार के सामने अपना पक्ष रखने की तैयारी करनी होगी।
आपका अपना – राजू नामदेव, बुंदेलखंड क्षत्रिय नामदेव महासभा युवा इकाई अध्यक्ष जिला दमोह मध्य प्रदेश