चित्तौड़गढ़। चित्तौडगढ़ के जयसिंहपुरा गांव में प्रशासन के लाख दावों के बावजूद बीते शनिवार को बाल विवाह हो गया। लोग पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए घर छोड़कर भाग गए। बाल विवाह के दौरान चार साल की मासूम बच्ची रोती रही, लेकिन उसके परिजन और पंडित ने उसे पकड़ कर फेरे करवाए। पुलिस ने सिर्फ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है तो दूसरी ओर कलक्ट्रेट में वातानूकुलित सभागारों में बैठ कर बाल विवाह की रोकथाम को लेकर बड़ी-बड़ी डींग हांकी जा रही है जबकि हकीकत यह है कि यहां अबूझ सावों के बीच प्रतिदिन बाल विवाह हो रहे है। ऐसा नही कि प्रशासन बेखबर है बल्कि प्रशासन जान भी रहा और बाल विवाह रोकने के भरसक प्रयास भी कर रहा है, लेकिन प्रशासन के सूचना तंत्र कमजोर होने से बाल विवाह तक पहुंच नही हो पा रही।
ऐसी खबरें सिर्फ चित्तौडगढ़ से ही बल्कि नही राज्य के कई जिलों में बाल विवाह होने की खबरें आ रही हैं। यूनिसेफ के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा बाल विवाह राजस्थान में हो रहे है। 9 मई को अक्षय तृतीया है। राजस्थान में इस दिन बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं। बाल विवाह रोकने के लिए सरकार हर साल कई इंतजाम करती हैं। इन प्रयासों के बावजूद राजस्थान में हर साल एक फीसदी बाल विवाह ही रोकने में कामयाबी मिल पा रही है। शर्मसार करने वाला रिकॉर्ड यूनिसेफ के अनुसार राजस्थान में सबसे ज्यादा बाल विवाह होता है। देश में 47 फीसदी लड़कियों की शादी 18 की उम्र से पहले हो जाती है। यूनिसेफ बाल विवाह विशेषज्ञ डोरा गियूस्टी ने कहा था कि दो दशक में बाल विवाह की संख्या में कमी आई है। लेकिन यह कमी प्रतिवर्ष एक फ ीसदी ही है। इस प्रकार बाल विवाह रोकने की प्रक्रिया इतनी धीमी है। पूरी तरह से बाल विवाह खत्म करने में करीब 50 साल लगेंगे। पूरी देश में सर्वाधिक बाल विवाह राजस्थान में होते हैं यूनिसेफ की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वाधिक बाल विवाह राजस्थान में होते हैं। पिछले पांच साल में प्रदेश में महज 8 हजार बाल विवाह रुकवाए जा सके। प्रदेश में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुसार 16 जिले ऐसे हैं, जहां बाल विवाह काफी संख्या में होते हैं। यानी सालाना जितनी शादियां होती हैं, उनमें बाल विवाह का प्रतिशत अन्य जिलों की तुलना में बेहद अधिक है।
वे जिले जहां होते हैं ज्यादा बाल विवाह
भीलवाड़ा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, टोंक, झालावाड़, दौसा, बूंदी, चित्तौडगढ़, दौसा, अजमेर, करौली, बारां, अलवर, नागौर, उदयपुर और प्रतापगढ़।
प्रशासन हाई अलर्ट
जिले भर में बाल विवाह होने की खबरो के बीच अब प्रशासन हाई अलर्ट है। कलक्टर और मातहत अधिकारियो द्वारा मैराथन बैठके कर बाल विवाह की रोकथाम के भरसक प्रयास कर रहे है। यही नहीं जिला मुख्यालय के साथ साथ तहसील मुख्यालयो पर भी बाल विवाह की सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किये गये है।
प्रशासन कई जगह पर बाल विवाह की सूचना पर परिजनों को पाबंद भी कर रहा है। चित्तौड़गढ़ उपखण्ड मुख्यालय के बोदियाना गांव में देवीलाल जाट के यहां 22 अप्रैल को नाबालिग के विवाह की सूचना पर तहसीलदार विनोद मल्होत्रा ने मौके पर पहुंच कर देवीलाल जाट के परिजनों को पाबंद किया।
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