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HPCL के पेट्रोल पंपों पर लाखों उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी, महंगी दर पर बेचा तेल

 

सन्तोष खाचरियावास @ अजमेर

पेट्रोल पंपों पर एक-एक पैसे की हेराफेरी डीलर को हजारों और कम्पनी को लाखों रुपए का फायदा पहुंचा देती है। क्योंकि पंपों पर रोजाना लाखों लीटर पेट्रोल डीजल की बिक्री होती है। दो-पांच पैसे का फर्क आम ग्राहक कभी नहीं देखता। लेकिन इन्हीं दो-चार पैसे से तेल कम्पनियों की बल्ले बल्ले हो जाती है। ताजा मामला देश की सबसे बड़ी तेल कम्पनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड से जुड़ा है।

 

यह है मामला

 सरकारी तेल कंपनियों ने अंतर-राज्यीय माल ढुलाई को तर्कसंगत बनाने के लिए डीलर्स के मार्जिन में 29 अक्टूबर की रात ही बदलाव की घोषणा कर दी थी और 30 अक्टूबर बुधवार सुबह 6 बजे रेट अपडेट कर दिए जाने चाहिए थे लेकिन एचपीसीएल ने ऐसा नहीं किया। रेट रिवाइज होने से पेट्रोल डीजल सस्ता हुआ और डीलर्स का कमीशन भी बढ़ा लेकिन एचपीसीएल ने यहां भी ग्राहकों को चपत लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एचपीसीएल ने ऑटोमिशन में एरर बताते हुए 30 अक्टूबर की दोपहर तक अपने रेट नहीं बदले। इससे पहले पुराने रेट पर ही पेट्रोल-डीजल की बिक्री की जाती रही। इससे कम्पनी के पम्पों पर तेल भरवा चुके लाखों ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हो गई।

 

यह है ऑटोमिशन का ‘खेल’

 

आमतौर पर जब भी पेट्रोल डीजल के रेट में बदलाव होता है तो सुबह 6 बजे ऑटोमिशन के जरिए सभी पम्पों पर एक साथ नई कीमतों की फीडिंग हो जाती है। लेकिन इस बार पहला मौका था जब एचपीसीएल के पम्पों पर दोपहर करीब तीन-साढ़े तीन बजे रेट बदले गए। खास बात यह भी है कि एचपीसीएल के हजारों पेट्रोल पंप ऐसे भी हैं जहां की डिस्पेंसर यूनिट्स अब भी ऑटोमिशन से नहीं जुड़ी हैं। यानी वहां अब भी डीयू मशीनों में मैनुअल तरीके से रेट फीड किए जाते हैं। इस बार रेट कम होने पर तत्काल नई दरें फीड नहीं की गईं। कई डीलर्स को 30 अक्टूबर की दोपहर मोबाइल पर मैसेज भेजकर रेट रिवाइज होने की जानकारी दी गई। इससे पहले सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर करीब 3 बजे तक 9 घण्टों में एचपीसीएल ने लाखों ग्राहकों को पुरानी बढ़ी हुई रेट पर पेट्रोल डीजल बेचकर करोड़ों रुपए के वारे न्यारे कर लिए।

 

आर्थिक ठगी जारी

अजमेर में रेट रिवाइज होने के बाद पेट्रोल करीब 15 पैसे और डीजल 13 पैसे प्रतिलीटर सस्ता हुआ है लेकिन एचपीसीएल के पम्पों पर 30 अक्टूबर की दोपहर तक पुराने रेट से ही पेट्रोल डीजल बेचा जाता रहा। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि कई पम्पों पर तो अब भी रेट कम नहीं किए गए हैं। जिन पम्पों पर ऑटोमिशन की सुविधा नहीं है, वहां कुछ मशीनों पर अब भी पुरानी बढ़ी हुई रेट पर पेट्रोल डीजल की बिक्री कर ग्राहकों से आर्थिक ठगी की जा रही है।

मिलीभगत की बानगी

मिलीभगत का आलम यह है कि जिन पेट्रोल पंपों पर खुद कम्पनी के सेल्स ऑफिसर की उठक बैठक है, उन पम्पों पर पुरानी रेट से पेट्रोल डीजल बेचकर सीधे तौर पर डीलर को अवैध कमाई का मौका दिया जा रहा है। सेल्स ऑफिसर ग्राहक और कम्पनी के बीच की अहम कड़ी होता है लेकिन ‘अहम’ के कारण कई सेल्स ऑफिसर ग्राहकों से संवाद तक नहीं करते। ग्राहकों के फोन तक नहीं उठाते। जिन पम्पों पर बैठते हैं, वहीं की मशीनों पर नजर नहीं रखते। उन्हें ग्राहकों की समस्या का तुरंत निवारण करने के लिए कम्पनी ने मोटी तनख्वाह पर नियुक्त कर रखा है लेकिन ‘अफसरी अहम’ आम ग्राहकों को केवल ‘मीठी गोली’ देने और कम्पनी की सेल बढ़ाने तक सीमित है। इसी का नतीजा है कि ग्राहक निजी कम्पनियों के पेट्रोल पंपों का रुख करने लगे हैं।

 

 

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