जबलपुर। पुलिस अधीक्षक कार्यालय का त्यौहार को लेकर जारी किया गया एक आदेश चर्चा में है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस आदेश को लेकर पुलिस की जमकर हंसी उड़ रही है।
पुलिस अधीक्षक के हस्ताक्षर से जारी इस पत्र में त्यौहार के दौरान जुआरियों के लिए विशेष रियायत बरतने की ताकीद की गई है। उसमें यह भी निर्देशित किया गया है कि जुआ खेलने वालों को कहां पकड़ा जाए और कहां उन्हें भागने का मौका दिया जाए।
यह है हिदायत
जबलपुर पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे जुए के खिलाफ रेड करते विशेष ध्यान रखा जाए। कहा गया है कि दीपावली पर्व से ग्यारस तक जुआ खेले जाने की अधिकांश शिकायतें प्राप्त होती हैं। जुए की सूचना पर कोई भी रेड कार्रवाई बिना संबंधित राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारी के संज्ञान में लाए नहीं होगी।
जबलपुर पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे जुए के खिलाफ रेड करते विशेष ध्यान रखा जाए। कहा गया है कि दीपावली पर्व से ग्यारस तक जुआ खेले जाने की अधिकांश शिकायतें प्राप्त होती हैं। जुए की सूचना पर कोई भी रेड कार्रवाई बिना संबंधित राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारी के संज्ञान में लाए नहीं होगी।
जुआ रेड कार्रवाई के पूर्व अच्छे तरीके से पता कर लिया जाए कि आसपास कुआं, तालाब, नहर, नदी तो नहीं है। यदि है तो रेड कार्रवाई नहीं होगी, पुलिस की उपस्थिति का एहसास कराया जाए, ताकि वे खुद भाग जाएं।
भवन के पहली, दूसरी, तीसरी मंजिल पर यदि जुआं फड़ की सूचना है तो रेड कार्रवाई न की जाए, पुलिस की उपस्थिति का एहसास कराया जाए ताकि वे खुद भाग जाएं। पुलिस अधीक्षक ने थाने में पदस्थ सभी अधिकारी/कर्मचारियों को ब्रीफ कर आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
इसलिए अपनाई सतर्कता
सूत्रों का कहना है कि पूर्व में प्रदेश में कई स्थानों पर ऐसे मामले हो चुके हैं, जिनमें जुआ खेलते लोगों पर कार्रवाई के दौरान मची भगदड़ में ऊपरी मंजिल से छलांग लगा दी गई। कुएं और नदी में गिरने के मामले भी बनते रहे हैं। ऐसी कार्रवाइयों के बाद पुलिस प्रशासन को अक्सर कोप भाजन का शिकार होना पड़ा है।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व में प्रदेश में कई स्थानों पर ऐसे मामले हो चुके हैं, जिनमें जुआ खेलते लोगों पर कार्रवाई के दौरान मची भगदड़ में ऊपरी मंजिल से छलांग लगा दी गई। कुएं और नदी में गिरने के मामले भी बनते रहे हैं। ऐसी कार्रवाइयों के बाद पुलिस प्रशासन को अक्सर कोप भाजन का शिकार होना पड़ा है।
कई बार कार्रवाई में संलग्न पुलिसकर्मियों को विभागीय कार्रवाइयों का शिकार भी होना पड़ा है। जुआ फड़ के दौरान मची भगदड़ में कई बार पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। जिसके बाद उन्हें अपना इलाज खुद के खर्च पर करना पड़ गया है।