600 रुपए की बजाय 300 रुपए किलो देशी घी खरीद रहा था टीटीडी
तिरुपति। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के लड्डुओं के घी में कथित तौर पर मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिले के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रसादम के लड्डुओं में मिलावट का दावा किया था। जिसके बाद पूरे देश श्रृद्धालु प्रसादम को लेकर चिंता व्यक्त करने लगे थे। केंद्र सरकार ही नहीं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है। लब्बोलुआब यह है कि सब सिर्फ चिंता ही जता रहे हैं… जांच की पुपाड़ी ही बजा रहे हैं, न एफआईआर न गिरफ्तारी। सस्ते घी के लालच में दुनिया के समृद्ध मंदिर के कर्ता धर्ताओं ने करोड़ों हिंदुओं का धर्मभ्रष्ट कर दिया। इन सबके बावजूद कोई बड़ा एक्शन अब तक नहीं। यही किसी दूसरे धर्म के साथ होता तो अब तक हालात दूसरे होते।
आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दो दिन पहले लैब रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि, मंदिर के प्रसादम में प्रयोग होने वाले शुद्ध घी में जानवरों की चर्बी मिली हुई है। भगवान तिरुपति के प्रसादम बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। लड्डुओं में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया। ये मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के चलते हुई है। सीएम ने कहा था कि इस भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में सरकार की ओर से कई लोगों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा चुका है।
मंदिर की पवित्रता भंग
बता दें कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इन्हें जीआई का टैग भी मिला है। मंदिर प्रशासन हर रोज शुद्ध देसी घी के 3.50 लाख लड्डू तैयार करता है। इन लड्डुओं को बनाने में शुद्ध बेसन की बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाता है। यहीं लड्डू तिरुपति मंदिर का मुख्य प्रसाद होते है। मंदिर के प्रसाद को बनाने के लिए मंदिर हर साल करीब 5 लाख किलो और हर महीने 42000 किलो घी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की ओर से खरीदता है। इस घी की खरीद के लिए मंदिर प्रशासन टेंडर जारी करता है।
आंध्र में जून में सत्ता परिवर्तन हुआ था। जिसके बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी सत्ता में वापस आई है। मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने मंदिर के लड्डुओं में मिलावट की आशंका जाहिर की थी। जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने सप्लाई किए गए घी के सैंपल लेकर जांच के लिए गुजरात स्थित डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की लैब ‘सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड’ (CALF) भेजे थे। जिसके बाद लैब की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए।
मिल्क फैट गायब, जानवरों का फैट भरा
वाईएसआर कांग्रेस ने तिरुमाला लड्डू प्रसाद पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू द्वारा लगाए गए आरोपों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पार्टी की ओर से वकीलों ने इस मामले की जांच सीटिंग जज या हाई कोर्ट की बनाई कमेटी से करवाने की मांग की है। हाईकोर्ट की पीठ मामले पर बुधवार को दलील सुनेगी। इसके अलावा प्रसादम ‘लड्डू में मिलावट को लेकर उठा विवाद सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में समुचित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया है कि प्रसाद में मिलावट के असंख्य श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेंस पहुंची है। याचिका में कहा गया है कि यह कृत्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है जो कि धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने के अधिकार सहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गांरटी देता है।