एक दिन पहले ही नवाबगंज के करोली निवासी इस सफाईकर्मी श्याम जी सरोज का नाम तब चर्चा में आया, जब उसने माफिया भाइयों के चार करीबियों पर मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि इन चारों ने अतीक-अशरफ की बेनामी संपत्तियों का बैनामा उसके नाम पर कराया। उसे बंधक बनाकर जबरन दस्तखत करवाए गए और दोनों की मौत के बाद उक्त संपत्तियों का बैनामा करने का दबाव भी बनाया गया।
कई गुर्गों के नाम भी कराई गई है रजिस्ट्री
मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए। सूत्रों का कहना है कि उसके नाम पर फिलहाल, पांच जमीनों का बैनामा कराने की बात पता चली। इनमें से तीन अरैल के मीरखपुर उपरहार व मवैया और दो जमीनें हंडिया व फूलपुर के सरायइनायत में स्थित हैं। इनकी मौजूदा बाजार के अनुसार कीमत आठ करोड़ आंकी गई है।
खास बात यह है कि तीन साल पहले जब इन जमीनों का बैनामा कराया गया, तब वह महज आठ हजार महीने कमाता था। मामले में उसने अपने मालिक, माफिया के गुर्गों जावेद, उसके भाई कामरान व फराज अहमद खान निवासी जीटीबी नगर करेली व शुक्ला जी नाम के एक शख्स को नामजद कराया है।
ब्लैंक चेक पर करा रखे थे दस्तखत
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यह है पूरा मामला
श्याम जी सरोज 15 साल से आरोपियों के घर पर रहकर साफ-सफाई का काम करता था। आरोप है कि इन लोगों ने अतीक अहमद व अशरफ के लिए डरा-धमका कर उसके नाम पर जनपद में कई स्थानों पर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी। इसमें उपरोक्त तीनों के साथ उनका शुक्ला जी नाम का एक साथी भी शामिल था। इस दौरान उसे कई दिनों तक होटल में बंधक बनाकर रखा गया।
इनका कहना है
जिन भी संपत्तियों से संबंधित जानकारी मिली है, उनके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। राजस्व प्रशासन के सहयोग से इन सभी का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इन संपत्तियों को अपराध से अर्जित संपत्ति मानकर इन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क भी कराया जाएगा।
– दीपक भूकर, डीसीपी नगर