बारसा धाम में जगमोहन का जगराता
पाली। राजस्थान के पंढरपुर के नाम से विख्यात पाली मारवाड़ के बारसा धाम में ब्रह्मलीन सन्त मोहनानन्द महाराज के आशीर्वाद से भगवान जगमोहन का जगराता इस साल 22 (मोक्षदा एकादशी) व 23 दिसम्बर (अखंड द्वादशी) को मनाया जाएगा। श्री नामदेव जगमोहन मन्दिर सेवा संस्थान के तत्त्वावधान में होने वाले इस सालाना जलसे में देशभर से नामदेव समाजबंधु शामिल होंगे।
समाजसेवी पूरण चंद परमार ने बताया कि 22 दिसम्बर को शाम 5 से 8 बजे तक भोजन प्रसादी होगी। शाम 7 बजे मंच कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। इस दौरान सन्तों एवं अतिथियों का स्वागत, चढावों की बोलियां व भजन संध्या होगी। इसमें भजन कलाकार सोहनलाल पायक, दीलूराजा, हंसमुख परमार, महेन्द्र भाटी, मुकेश चौहान, पिंटू सोलंकी व अशोक सोलंकी प्रस्तुति देंगे।
अध्यक्ष सीताराम टांक ने बताया कि अगले दिन 23 दिसम्बर को सुबह 7 से 9 बजे तक चाय नाश्ता होगा। इसके बाद 10 बजे सन्त नामदेव की शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 12 से 3 बजे तक महाप्रसादी के साथ ही मेला विसर्जित होगा। शाम को कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की जाएगी।
ये होंगे अतिथि
आयोजन के मुख्य अतिथि नामदेव समाज सूरत के अध्यक्ष जगदीश परिहार, नवी मुंबई से फिल्म निर्देशक हेमंत वर्मा व नामदेव विट्ठल फाउंडेशन जयपुर के अध्यक्ष सुरेश बाटू होंगे।
विशिष्ट अतिथि डीआईजी अनिल टांक, तिरुपति के भामाशाह नरपत डूंगरी व श्री नामदेव सेवा समिति 108 गांव निम्बेश्वर धाम के अध्यक्ष भगवान लाल परमार होंगे।
इस दौरान सन्त रामकृष्ण जगन्नाथ बगाड़े महाराज पंढरपुर व राम स्नेही सन्त सुरजन दास महाराज पाली का विशेष सान्निध्य मिलेगा।
सन्त नामदेव की चमत्कार स्थली
कर्म और भक्ति का संदेश देने वाले संत शिरोमणी नामदेव महाराज केवल नामदेव अनुयायियों ही नहीं, बल्कि विभिन्न समाजों में पूजे जाते हैं। अतीत में समय की मांग के अनुरूप भक्ति की प्रतिष्ठापना करने के लिए उन्होंने चमत्कार भी दिखाए या फिर यूं कह लीजिए कि उनकी भक्ति समर्पण के आगे खुद ही चमत्कार होते गए। ऐसे ही एक चमत्कार का साक्षी रहा है राजस्थान का बारसा धाम जिसे राजस्थान का पंढरपुर भी कहा जाता है।
पाली के वरिष्ठ समाजबंधु पूरण परमार ने देशभर के सभी समाजबंधुओं से बारसा धाम की यात्रा करने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान का पंढरपुर बारसा धाम मारवाड जंक्शन के पास पाली जिले में स्थित है। यहां संत शिरोमणि नामदेव जी ने अपने तप की शक्ति से मंदिर को घुमा दिया था जो आज भी उसकी स्थिति में विद्यमान है। खास बात यह है कि बारसा गांव में नामदेव समाज का एक भी घर नहीं है। मगर इस मंदिर में संत नामदेव की मूर्ति को सभी ग्रामीण पूजते हैं। मेले में हजारों नामदेव बंधु दूर-दूर से आते हैं।
इसलिए है मान्यता
संत शिरोमणी नामदेव जी उत्तर भारत की यात्रा के दौरान काशी से कोलायत बीकानेर होते हुए मारवाड़ क्षेत्र में पधारे तो खारची (वर्तमान मारवाड़ जंक्शन के पास) गांव बारसा में रुके थे। बारसा में 2000 साल पुराना कृष्ण मंदिर है जो जगमोहन जी के मंदिर के नाम से जाना जाता है। किंवदंती है कि भगवान जगमोहन ने संत नामदेव के लिए पूरे मंदिर को ही पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर घुमा दिया था और अपने परम भक्त को अपने समकक्ष बैठाया और पुजवाया। यहां भगवान जगमोहन की मूर्ति की पुन: स्थापना 12 मई 2014 को की गई।
यूं पहुंचा जा सकता है
बारसा धाम मारवाड़ जंक्शन से 9 किलोमीटर व पाली से 32 किलोमीटर दूर स्थित है। बारसा आने के लिए पाली नहर पुलिया के पास से बस, जीप, टैक्सी सुविधा दोपहर 2 बजे तक ही है। रेल मार्ग से पधारने वाले भक्तगण मारवाड़ जंक्शन पर उतरें। यहां से जीप, टैक्सी, बस की सुविधा उपलब्ध है।