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डकैती मामले में इंस्पेक्टर सहित सात पुलिस वाले बर्खास्त

वाराणसी। यहां गुजरात की एक फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये की डकैती मामले में एक इंस्पेक्टर सहित सात पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त होने वाले पुलिस कर्मियों में तत्कालीन भेलूपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार और उत्कर्ष चतुर्वेदी और सिपाही महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र शामिल हैं। इस कार्रवाई से कमिश्नरेट के पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।

क्या है मामला
बैजनत्था क्षेत्र की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की फर्म के कार्यालय में 29 मई की रात डाका डाला गया और 1.40 करोड़ रुपये लूट लिए गए। इसकी सूचना भेलूपुर थाने की पुलिस को थी, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। बाद में लावारिस कार की डिकी से 92.94 लाख रुपये से ज्यादा की बरामदगी दिखाकर पीठ थपथपाने की कोशिश हुई।

 

मामला जैसे ही आला अधिकारियों के पास पहुंचा, पता चल गया कि सब कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से हुआ है। इसका संज्ञान लेकर भेलूपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी रमाकांत दुबे, दरोगा सुशील कुमार, महेश कुमार व उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय व शिवचंद्र को निलंबित कर दिया गया। जांच आगे बढ़ी और मामले में संलिप्तता उजागर होने के बाद सबको पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस संबंध में पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने बताया कि प्रकरण में सात पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। दर्ज मुकदमे की विवेचना जारी है। विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई अलग से की जाएगी।

 

लावारिस कार की डिकी से रुपये की बरामदगी के मामले में गोलमाल की जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने एक जून को ही डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम को जांच सौंपी थी। साथ ही तत्कालीन थाना प्रभारी भेलूपुर रमाकांत दुबे का लाइन हाजिर कर दिया था। डीसीपी काशी जोन की रिपोर्ट के आधार पर अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह ने पांच जून को थाना प्रभारी रहे रमाकांत दुबे सहित सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। इसके बाद सातों पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है।

जितनी बरामदगी, उससे कहीं ज्यादा थे पैसे

लावारिस कार से 92.94 लाख रुपये बरामद होने के बाद भेलूपुर थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सहित सात पुलिस कर्मी बर्खास्त कर दिए गए। बर्खास्त पुलिस कर्मियों को लेकर महकमे में शनिवार को जबरदस्त चर्चा रही। पुलिस कर्मियों का ही कहना था कि पैसे की गिनती सीसी कैमरे के सामने हुई थी। जितनी बरामदगी दिखाई गई है, पैसा उससे कहीं ज्यादा था। हिस्से में मिलने वाले पैसे को लेकर असंतुष्ट एक दरोगा ने एक अफसर से पूरे प्रकरण के बारे में चर्चा कर दी। इसके बाद बाजी पूरी तरह से पलट गई।

पैसा कोई और दबा ले गया और कार्रवाई की जद में सात पुलिस कर्मी आ गए। एक पुलिस कर्मी ने इसे कहावत से भी जोड़ा और कहा कि वाराणसी में कहा जाता है कि खेत खाए गधा और मारा जाए जुलाहा। इस पूरे प्रकरण में दंडित पुलिस कर्मियों की स्थिति ऐसी ही रही है।

 

 

 

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