शिप्रा-नर्मदा मैया के मिलन को देख हो रही अदभुत आनन्द की अनुभूति
उज्जैन। मां शिप्रा और नर्मदा के मिलन को देख अदभुत आनन्द की अनुभूति हो रही है, जी करता है थोड़ी देर यहीं बैठे रहें। शिप्रा के घाटों का दृश्य नयनाभिराम हो चला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख से यह उद्गार उस वक्त सहज ही निकल पड़े, जब वे भूखीमाता घाट पर शिप्रा के चार घाटों के लोकार्पण के लिये पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ के लिये तैयार किये गये 28 करोड़ 27 लाख रूपये लागत के चार घाटों का लोकार्पण किया। इनमें भुवनेश्वरी घाट, राजराजेश्वरी घाट, गऊघाट स्टापडेम से लालपुल बांया तट घाट, गुरूनानक घाट सम्मिलित हैं।
उल्लेखनीय है कि शिप्रा में नर्मदा का पानी आज छोड़े जाने से शिप्रा तट पर दृश्य अदभुत बन पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दृश्य आंखों को सुकून दे रहा है। शिप्रा और नर्मदा मैया साथ-साथ बह रही हैं। आज साफ-स्वच्छ पानी की छटा देखते ही बनती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दृश्य सिंहस्थ महाकुंभ के पश्चात भी हम बरकरार रखेंगे। सिंहस्थ के सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार परम्परागत सिंहस्थ आयोजनों के साथ-साथ विश्वशान्ति का दर्शन और सन्देश भी इस सिंहस्थ से जायेगा। ज्ञान की गंगा बहेगी।
2043 मीटर लम्बे घाटों का लोकार्पण किया
मुख्यमंत्री ने भूखीमाता पर शिप्रा के 2043 मीटर लम्बे घाटों का लोकार्पण किया। भुवनेश्वरी घाट की लम्बाई 571 मीटर है। राजराजेश्वर घाट 192 मीटर, गऊघाट स्टापडेम से लालपुल (बांया तट) घाट 580 मीटर तथा गुरूनानक घाट, 700 मीटर लम्बाई में बनाया गया है। भुवनेश्वरी घाट 27.20 मीटर चौड़ा होकर 7.94 करोड़ रूपये लागत से बनाया गया है। इसकी बॉटम लैंडिंग चौड़ाई तीन मीटर है, बॉटम लैंडिंग का एरिया 1713 वर्गमीटर है। राजराजेश्वरी घाट दो करोड़ 29 लाख रूपये खर्च करके बनाया गया है। इसकी चौड़ाई 18.50 मीटर, बॉटम लैंडिंग चौड़ाई चार मीटर तथा बॉटम लैंडिंग एरिया 768 वर्गमीटर है। गऊघाट स्टापडेम से लालपुल बांया तट घाट निर्माण पर आठ करोड़ 20 लाख रूपये खर्च किये गये हैं। इसकी चौड़ाई 14.10 मीटर, बॉटम लैंडिंग चौड़ाई पांच मीटर और बॉटम लैंडिंग एरिया 2900 वर्गमीटर है।
गुरूनानक घाट नौ करोड़ 84 लाख रूपये खर्च करके बनाया गया है। चौड़ाई 28 मीटर, बॉटम लैंडिंग चौड़ाई तीन मीटर तथा बॉटम लैंडिंग एरिया 2586 वर्गमीटर में बनाया गया है।
131 फीट ऊंचे त्रिशूल का मुख्यमंत्री चौहान ने किया पूजन
अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में दत्त अखाड़ा क्षेत्र में स्थापित किये गये 131 फीट ऊंचे त्रिशूल का पूजन पूरे विधि विधान के साथ किया। यह 131 फीट ऊंचा त्रिशूल सिंहस्थ 2016 के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिये आकर्षण का केन्द्र रहेगा। इस त्रिशूल का निर्माण बजाज कम्पनी के सहयोग से हुआ है।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने दत्त अखाड़ा मंदिर में जाकर भगवान दत्तात्रय के दर्शन कर सफल सिंहस्थ की कामना की। इसके बाद उन्होंने जगतगुरू भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गये शिवलिंग की पूजा-अर्चना की और दत्त अखाड़ा में संतो की समाधियों पर जाकर शीश नवाया। इसके उपरान्त उन्होंने दत्त अखाड़ा के गद्दीपति पीरजी परमानंदजी पुरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
पंच कोसी यात्रा मार्ग का लोकार्पण
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने उज्जैन प्रवास के दौरान त्रिवेणी में लोक निर्माण विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पंच कोसी यात्रा मार्ग का लोकार्पण किया। इस मौके पर प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह, सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय, राज्यसभा सांसद डॉ. सत्यनारायण जटिया, विधायक डॉ. मोहन यादव, कलेक्टर कवींद्र कियावत एवं पुलिस अधीक्षक ी एमएस वर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने 68 करोड़ की लागत से पंच कोसी यात्रा मार्ग के उन्नयन एवं नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण किया। इस 92 किमी लंबे आउटर रिंग रोड के बनने से पंच कोसी यात्रा पर पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले विभिन्न गांवों के ग्रामीणों को भी बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध हुई है।