मुंबई. देश के तमाम राज्यों में चिलचिलाती गर्मी, लू के थपेड़े और तपिश ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. अधिकांश राज्यों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंच गया है. मौसम वैज्ञानिक और चिकित्सक इस गर्मी और हीटस्ट्रोक (Heatstroke) से बचने की सलाह दे रहे हैं. अगर इससे बचाव के उपाय नहीं अपनाए गए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है.
हाल ही में हीटस्ट्रोक के कारण नवी मुंबई (Navi Mumbai) में 11 लोगों की जान चली गई. ओपन ग्राउंड में एक सार्वजनिक जनसभा में भाग लेने वाले लोगों में से काफी संख्या में लोग लू की चपेट में आ गए थे और इनमें से 11 की मौत हो गई और हजारों की संख्या में लोगों में पानी की कमी आ गई या दूसरी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की चपेट में आ गए.
जानकारी के मुताबिक भारत में हीटस्ट्रोक के कारण होने वाली मौतें असामान्य नहीं हैं. हर साल अप्रैल माह में अस्पतालों के इमरजेंसी वार्डों में हीट स्ट्रोक के मामले आने शुरू हो जाते हैं. यह साल भी इससे अछूता नहीं है. कई राज्यों और शहरों के अस्पतालों में इस तरह के मरीजों की संख्या पहले से ही बढ़ रही है.
हीट स्ट्रोक होने के खास लक्षणों में शरीर का उच्च तापमान, गर्म और शुष्क त्वचा, दिल की धड़कन का तेज होना, सिरदर्द, चक्कर आना, उबकाई (मिचली), भ्रम और बेहोशी आदि शामिल हैं. इन सब में से अगर किसी प्रकार के लक्षण देखते हैं तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.