रोजमर्रा के जीवन में छोटी-मोटी परेशानियों के लिए कब तक डॉक्टरों के चक्कर लगाते रहेंगे। आप खुद घरेलू डॉक्टर बन सकते हैं, घर में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का इस्तेमाल करके-
रोज काम आने वाले स्वास्थ्यवर्धक प्रयोग
– शरीर में कहीं भी नील पड़ जाये तो वहां कच्चा आलू मले |
-जले हुए अंग को फ़ौरन सरसों के तेल में डुबो दे इससे छाला नहीं पड़ता हे |
-आग से जले अंग पर तत्काल ग्लिसरीन लगाने से न दर्द होगा न ही चमड़ी ही लाल होती हे |
-सौ ग्राम दही और मेथी का चूर्ण दो से तीन ग्राम कि मात्रा में मिलाकर पीने से पेट का मरोड़ा बंद होता हे |
-एक tea स्पून निम्बू रस , एक tea स्पून अदरक का ताज़ा रस को शुद्ध शहद में मिलाकर पीने से पेटदर्द ठीक होता हे |
-धनिया और शक्कर का शरबत बनाकर पीने से पेट का जलन दूर हो जाती हे |
-बीस ग्राम मुनक्का देसी घी में सेककर सेंधा नमक डालकर खाने से चक्कर आना बंद हो जाता हे |
-भुना हुआ चना पिसवाकर एक शीशी में रख ले | अब इसे नित्य ५० ग्राम की मात्रा में ( विशेषकर शुक्करवार की शाम ) सेवन करने से खून में बड़ा केलोस्ट्रोल घट जाता हे |
– बड़ी इलाइची का चूर्ण आधा ग्राम ( यह एक मात्रा हे ) में पानी से लेते रहने से लीवर के घाव मिट जाते हे |
-पुदिने को काले नमक के साथ पीसकर उस चटनी को चाटने से हिचकी की शिकायत मिटती हे |
-चश्मा छुटे प्रयोग :- 150 ग्राम मामरा बादाम ,150 ग्राम बड़ी हरी सौफ , और आवशकतानुसार कुंजा मिश्री को अलग – अलग पीसकर तीनो को एक साथ मिला ले | इसे एक शीशे के साफ़ जार में बंद करके रख ले | दवा तेयार हे |
अब रोजाना रात को दस ग्राम की मात्रा में 250 ग्राम दूध के साथ ले | इसके ऊपर पानी बिलकुल न पीवे | डेढ़ महीने के बाद हो सकता हे चश्मा छुट सकता हे |
आप रोज सवेरे – सवेरे पार्क में जाकर नंगे पाँव घास में 15-30 मिनट तक चले |
आप खाने में गाजर का मुरब्बा , सेब , सफेद मिर्च , आदि चीजों का प्रयोग जरुर करते रहे |
-बालतोड़ के प्रारंभ में गेहूं के पन्द्रह – बीस दाने अपने दांत से चबाकर इसकी लुग्धी ( पेस्ट ) बनावे | इस पेस्ट को बालतोड़ वाले स्थान पर लगाने से ठीक हो जाएगा | यह प्रयोग एक दिन में दो से तीन बार तक करे | जब तक बालतोड़ पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता तब तक इस प्रयोग को करते रहे |