लखनऊ. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करके एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने बीते साल कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में एटीएस (ATS) ने चार्जशीट फाइल की है और इसमें कई चौकाने वाले खुलासे किए है. चार्जशीट के मुताबिक, इस मामले में गिरफ्तार पीएफआई के सदस्य शेख सादिक कुरैशी, मजहर खान, मोमिन मोइद्दूइन गुलाम हुसैन उर्फ मोईन मिस्त्री, मोहमद इकबाल इब्राहिम खान, मोहम्मद आसिफ देश विरोधी कार्यों में शामिल थे. ये अभी आरोपी 17 फरवरी 2022 को मुंबई के धारावी, कुर्ला, चेम्बूर, नेरल और पनवेल में पीएफआई के कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसमें देश विरोधी कार्यक्रम करने की प्लानिंग हुई थी.
भारत को इस्लामिक राज्य बनाने की चल रही थी प्लानिंग
पुलिस ने जब आरोपियों की गिरफ्तार के दौरान छापेमारी की तो मजहर मसूर खान के पास संवेदनशील दस्तावेज मिले. इनके मुताबिक, योजना थी कि मुस्लिम बहुमूल्य लक्षदीप, जम्मू और कश्मीर के अलावा बाकी राज्य में पीएफआई के सदस्य की संख्या बढ़ाकर 2047 तक भारत को इस्लामिक राज्य बनाना है. भारत के हर मुसलमान के घर तक पहुंचकर हर एक घर के व्यक्ति को पीएफआई में शामिल करना है. इसके लिए उन्होंने चार स्तर में यह करने की योजना बनाई थी.
1) जहां-जहां मुस्लिम रहता है उनको पीएफआई का सदस्य बनाना है. भारतीयता से पहले इस्लाम है और इस भावना का लोगों में निर्माण करना है. मुस्लिम युवाओं को शस्त्र ट्रेनिंग देने की योजना थी.
2) दूसरे स्तर में भारत में अराजकता फैलाना, दलित, एससी/एसटी वर्ग में फूट डालना, हिन्दुओं को विभाजित करना, कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ना, पुलिस, न्यायपालिका में घूसखोरी करना, मुस्लिम देशों का सम्पर्क करके उनसे मदद लेना.
3) हथियार और विस्फोटक इकट्ठा करना, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य बैकवर्ड क्लास के लोगों से हाथ मिलकर अपने उम्मीदवार चुनकर जीताना और उनको सरकार का हिस्सा बनाना.
4) चौथे स्टेज में मुस्लिम लोगों को एकत्र करके पुलिस में, न्याय प्रणाली में पीएफआई के लोगों को उच्च स्तर पर नियुक्त करना, जो लोग पीएफआई के खिलाफ काम करते है उनको खतम करना. इस्लामिक तत्व पर आधारित नए राज्य घोषित करके इस्लाम का वैभव वापिस लाने की योजना थी.
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि आरएसएस और अन्य हिंदूवादी संघठन के ऑफिस, उनके बारे में पल-पल की जानकारी यह लोग प्राप्त करते थे. पुलिस को छापेमारी के वक्त कुछ वीडियो और ऑडियो क्लिप भी मिली थी जिसमें एक वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी को पीएम की शपथ लेते हुए दिखाया गया है. आरोपी मजहर खान अपनी यूट्यूब चैनल के जरिये लोगो को भड़काता था.