कोलकाता। प्रमुख इस्लामी मदरसा दारूल उलूम देवबंद की ओर से एक फतवा जारी होने के बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘भारत माता की जय’ बोलना एक जुनून है जिसका उद्भव मातृभूमि के लिए प्रेम से हुआ है, यह कोई फैशन नहीं है। नकवी ने आश्चर्य जताया कि फतवा तब जारी क्यों नहीं किया गया जब विश्वविद्यालयों में भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी।
नकवी ने कहा कि प्रत्येक भारतीय एक राष्ट्रवादी है, चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो। अपने देश के लिए प्रेम उसके डीएनए में है। भारत माता की जय कहना फैशन नहीं, जुनून है। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।
उन्होंने परोक्ष रूप से जेएनयू और यादवपुर विश्वविद्यालय की ओर इशारा किया जहां केंद्र ने दावा किया था कि वहां ऐसे नारे लगाये गए। उन्होंने कहा, ”यदि कोई देश को बर्बाद करने के बारे में बात करता है और भारत विरोधी नारेबाजी करता है और उस व्यक्ति के खिलाफ एक फतवा जारी किया जाता है हम अच्छा महसूस करेंगे।’ नकवी की यह टिप्पणी प्रमुख इस्लामी मदरसा दारूल उलूम देवबंद की ओर से एक फतवा जारी होने के बाद आई है जिसमें उसने मुस्लिमों से कहा है कि वह भारत माता की जय का नारा लगाने से दूर रहे क्योंकि यह ”मूर्ति पूजा के सदृश्य’ है जो कि इस्लाम के उपदेशों के खिलाफ है। इस बीच मदरसा के जनसम्पर्क अधिकारी अशरफ उस्मानी ने स्पष्ट किया कि इस्लाम में देश को एक देवी मूर्ति के तौर पर पेश करने और उसके लिए जयकारा लगाने की इजाजत नहीं।
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