शिमला। हिमाचल भी सैक्सटॉर्शन के मामलों से अछूता नहीं रहा है। साइबर पुलिस सैक्सटॉर्शन से जुड़े कई मामलों की जांच में जुटी हुई है। इनमें एक केस 1 करोड़ की जबरन वसूली से भी जुड़ा है। पीड़ित सेवानिवृत्त अधिकारी है, जो शातिर के जाल में फंस कर अपनी जमापूंजी गंवा बैठे। हालांकि जांच के अंतर्गत 30 लाख की राशि फ्रीज करवाई जा चुकी है।
कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। सूचना के अनुसार सैक्सटॉर्शन के ज्यादा मामले उम्रदराज व्यक्तियों के साथ सामने आ रहे हैं। सैक्सटॉर्शन के मायाजाल में लोगों को फंसाने के लिए साइबर शातिर लड़कियों को आगे करते हैं। इसके तहत फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत विभिन्न इंटरनैट मीडिया के जरिए लोगों के व्हाट्सएप से जुड़ा जाता है और फिर व्हाट्सएप की डीपी पर खूबसूरत लड़कियों की तस्वीर लगा कर चैटिंग शुरू कर देते हैं।
पहले तो हाय, हैलो से शुरूआत होती है, फिर युवती वीडियो कॉल करने लग जाती है। इसके बाद वह अपने मायाजाल में व्यक्ति को फंसाती है और वीडियो कॉल के दौरान अनैतिक कार्य के स्क्रीनशॉट ले लिए जाते हैं। इसके बाद शातिर जबरन वसूली का खेल शुरू कर देते हैं। जो व्यक्ति रुपए देने से इंकार करता है उसे धमकी दी जाती है कि उसका अश्लील स्क्रीनशॉट इंटरनैट मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा या फिर उसके परिवार वालों के नंबर पर चैटिंग की अश्लील तस्वीर भेजने की भी धमकी दी जाती है। ऐसे में जब तक पैसे नहीं मिल जाते, धमकियों का दौर जारी रहता है।
अगर पैसे दे भी दें तो भी खत्म नहीं होता खेल
यदि कोई जाल में फंस जाता है और सोचता है कि पैसे देकर बात बन जाएगी तो ऐसे केसों में ऐसी संभावना कम ही रहती है। ऐसे में पैसे देने के चक्क र में न पड़ें और सीधे साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस स्टेशन या टोल फ्री नंबर 1930 पर भी शिकायत करवाई जा सकती है।
अनजान वीडियो काॅल का न दें जवाब
किसी भी अनजान नंबर से आने वाली वीडियो काल का जवाब न दें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी प्रोफाइल्स को सिक्योर और लॉक रखें। प्राइवेसी से जुड़ी सभी बातों का ध्यान रखें। अनजान लोगों को अपने फ्रैंड लिस्ट में जोड़ते समय अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें। यदि आवश्यकता न हो तो न जोड़ें। अपनी प्राइवेट फोटोज शेयर न करें।
क्या बोले एएसपी साइबर क्राइम
एएसपी साइबर क्राइम सीआईडी भूपिंद्र सिंह नेगी बताते हैं कि देश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। जागरूकता से ही साइबर अपराध पर अंकुश लग सकता है। उन्होंने कहा कि रोजाना साइबर अपराध से जुड़ी अलग-अलग तरह की 50 से 60 शिकायतें पहुंच रही हैं।