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VIDEO : दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का अदभुत लोकार्पण

 

नाथद्वारा। श्रीनाथ जी की नगरी श्रीनाथद्वारा में शनिवार को विश्वास का एक विराट अध्याय जुड़ गया। यहां मिराज ग्रुप के मालिक मदन पालीवाल की तरफ से स्थापित विश्व की सबसे ऊंची (369 फीट) शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का लोकार्पण कथावाचक संत मुरारी बापू ने किया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वामी रामदेव, चिदानंद स्वामी ने दीप प्रज्वलन भी किया। दीप प्रज्वलन के साथ ही सभी संकटों को दूर करने वाले संकटमोचन रामभक्त हनुमान का आह्वान हनुमान चालीसा के साथ हुआ।

लोकार्पण के साथ ही हनुमान चालीसा के सुर समूचे परिसर में गूंजे और इसी के साथ 9 दिवसीय लोकार्पण रामकथा के आरंभ के लिए संत मुरारी बापू व्यासपीठ पर बिराजे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित वहां उपस्थित सभी अतिथियों ने पोथी पूजन किया और संत मुरारी बापू का आशीर्वाद लिया।

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लोकार्पण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, मंत्री उदयलाल आंजना, शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, डॉ. रघु शर्मा, राजेन्द्र राठौड़, उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, राजसमंद सांसद दीया कुमारी, लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, राजेन्द्र यादव आदि अतिथि थे।

संत कृपा सनातन संस्थान के प्रमुख ट्रस्टी मदन पालीवाल ने सभी का स्वागत किया। स्वामी रामदेव ने कहा कि बापू व्यक्ति नहीं बल्कि भारत की सनातन संस्कृति हैं। उनका राममय जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। स्वामी रामदेव ने ‘दुनियादारी’ राजस्थानी गीत भी सुनाया।

समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे जिनमें स्थानीय के अलावा अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु भी शामिल थे। समारोह में मूर्तिकार नरेश कुमावत का सम्मान भी किया गया। लोकार्पण के साथ शुरू हुई रामकथा 6 नवम्बर तक चलेगी।

मोरारी बापू ने कहा कि इस प्रतिमा के केन्द्र में विश्वास स्वरूप है। गुरू की कृपा एवं दृष्टि से इसमें 12 स्वरूपों के दर्शन होते हैं। यहां श्रीनाथ से मिलने के लिए विश्वनाथ आये है, रसराज से मिलने के लिए नटराज आये हैं। गिरिराज धारी यहां विराजित है और गंगाधारी मिलने आये हैं।

तमाम सुविधाएं निःशुल्क

समिति ने हजारों श्रद्धालुओं के लिए भोजन, आवास, परिवहन, मेडिकल आदि की निःशुल्क व्यवस्था की हैं। आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराकर श्रद्धालु मुफ्त आवास की सुविधा पा सकते हैं। शेष सभी सुविधाएं कोई भी श्रद्धालु बिना पंजीकरण कराए भी पा सकते हैं।

कथा पांडाल के निकट ही विशाल पांडाल में रोजाना करीब 1 लाख श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था है।

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