प्रयागराज। झारखंड के गिरिडीह के रहने वाले वाले एक शख्स की प्रयागराज (इलाहाबाद) में ट्रेन से गिरकर दर्दनाक मौत हो गई। आरोप है कि उसे, जीआरपी के जवानों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। मामले में 2 जवानों को हिरासत में लिया गया है। गिरिडीह के राजधनवार से विधायक और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने घटना पर दुख जताते हुए परिजनों से मुलाकात करने की बात कही है।
1 माह पहले ही मुंबई काम की तलाश में गया था
22 अक्टूबर (शनिवार) को मृतक अरुण का शव गांव पहुंचा। जहां दिवाली मनाने की तैयारी थी वहां सन्नाटा पसर गया। परिवार वालों का कहना है कि अरुण इससे पहले कभी भी काम की तलाश में बाहर नहीं गया था। तीन छोटे भाई मुकेश, सुनील और बबलू का कहना है कि हमलोग चाहते थे कि भैया घर पर रहकर परिवार की देखभाल करें। अचानक 1 महीने पहले अरुण अपने ससुराल नीमाडीह गया और वहां से 3 छोटे बच्चों और पत्नी क छोड़कर मुंबई चला गया। अब दिवाली और छठ में घर लौट रहा था।
राजमिस्त्री का काम करता था अरुण
मृतक के भाई मुकेश ने बताया कि उसके पिता की मौत काफी पहले हो चुकी है। उसके घर का अभिभावक उसका बड़ा भाई अरुण ही था। वह घर पर रहता था और राजमिस्त्री का काम करता था। जबकि मुकेश, सुनील व बबलू तीनों केरल में रहकर मजदूरी करते थे। घटना की सूचना पाकर मुकेश घर लौट आया वहीं अन्य दो भाई भी घर लौट रहे हैं। इधर अरुण की पत्नी रिंकी देवी उसके नौ साल की बेटी पिंकी, 6 साल का बेटा प्रेम व ढाई साल का शिवम पिता के मौत के बाद सदमे में है।
अरूण के परिजनों को मिले नौकरी
पूर्व विधायक सह भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने जीआरपी द्वारा चलती ट्रेन से धक्का दिए जाने के कारण अरुण की हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने रेलवे मंत्रालय से अरुण भुइयां के परिजनों को नौकरी और एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की है। वहीं घटना में दोषी दोनों जीआरपी जवानों को कड़ी सजा देने की मांग की है। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के लिए झारखंड में उचित क़ानून बनाने की मांग भी उन्होंने की है।