बरेली। दुनकी के कांवड़िये गुरुवार को दुनका में रूट को लेकर अड़ गए हैं। अधिकारियों के समझाने पर भी आक्रोशित कांवड़िये निर्धारित मार्ग से जाने को राजी नहीं हुए। अधिकारियों ने विवाद का कारण बन रहे मार्ग पर बैरियर लगाकर पुलिस-पीएसी तैनात कर दी हैं। एसडीएम सीओ दुनका में कैंप कर रहे हैं।
दुनका में वर्षों पहले कांवड़ियों को मुस्लिम बस्ती में दूसरे सामुदाय के लोगों द्वारा रोकने पर बवाल हुआ था। तत्कालीन अधिकारियों ने विवाद का स्थाई समाधान करने को दोनों सामुदाय के लोगों को बैठाकर बात की थी। ग्रामीणों की सहमति के बाद प्रशासन ने 2014 में दोनों सामुदाय के धार्मिक जुलूस व कार्यक्रमों के रूट तय कर दिए थे, तभी से दोनों सामुदाय के धार्मिक जुलूस निर्धारित रूट पर ही निकलते हैं। इसी समझौते के तहत तय किया गया था कि कांवड़िये दुनकी के बाग के पास से चकरोड पर होकर हरिद्वार जायेंगे।
कांवड़ियों ने प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट को दरकिनार कर मुस्लिम बस्ती की पीडब्ल्यूडी रोड से होकर निकलने का मन बनाया। ग्रामीण गत दिनों इस मामले को लेकर नेताओं से भी मिले। अधिकारियों ने ग्रामीणों को स्पष्ट कर दिया कि उन्हें मुस्लिम बस्ती से निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कांवड़िये पूर्व निर्धारित रास्ते से निकलेंगे। पुलिस प्रशासन उनको पूरी सुरक्षा देगी।
गुरुवार को कांवड़ियों ने ट्रैक्टर-ट्राली में डीजे बांधकर दुनका की मुस्लिम बस्ती से निकलने की तैयारी कर ली। कांवड़िये गांव के मंदिर पर जमा हो गए। सूचना मिलने पर एसडीएम और सीओ आरके मिश्रा दुनकी पहुंच गए। अधिकारियों ने ग्रामीणों को प्रशासन द्वारा तय मार्ग से निकलने के लिए समझाया। ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया समझौता दुनका के लोगों में हुआ था। रूट तय करते समय दुनकी के लोग मौजूद नहीं थे। पीडब्ल्यूडी का रोड उनका परंपरागत रूट है।
अधिकारियों के न मानने पर कांवड़ियों ने कांवड़ लेने जाने से इंकार कर दिया। कांवड़िये ग्रामीणों के साथ दुनकी में जमे हैं। एसडीएम सीओ एसओ दुनका पुलिस चौकी से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अधिकारियों ने दुनका में मुस्लिम बस्ती से होकर निकलने वाले दुनकी रोड पर बैरियर लगाकर पुलिस और पीएसी तैनात कर दी है।
एसडीएम वेद प्रकाश मिश्रा के अनुसार दुनकी के कांवड़िये दुनका की मुस्लिम बस्ती से होकर जाने पर अड़े है। चार दिन पहले भी दुनकी के लोगों को समझाया था, लेकिन कांवड़ियों ने गुरुवार को मुस्लिम बस्ती से होकर निकलने की तैयारी कर ली। कांवड़ियों को समझाया, लेकिन वे नहीं माने। कांवड़िये निर्धारित रूट से हटकर जाने की कोशिश करेंगे तो प्रशासन और पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। तय रास्ते से जायेंगे तो पुलिस उनकी पूरी सुरक्षा करेगी।