रायपुर। छत्तीसगढ़ में जैन समाज के लोग सड़क पर उतर आए। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा साधु संतों पर अमर्यादित टिप्पणी, परदेशियों को बाहर भगाने और जानवर नहीं मिलने पर इन परदेशियों की बलि चढ़ाने जैसी बातों को लेकर समाज उद्वेलित हो गया है। राजधानी रायपुर के एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी से शनिवार को समाज के लोगों शांति मार्च निकाला, जिसमें समाज के साधु-संत व साध्वी शामिल हुए। समाज के लोग मुनि व साध्वियों के साथ राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और वैमनस्यता फैलाने वाले संगठन पर प्रतिबंध लगाने और संगठन के अध्यक्ष को गिरफ्तार करने का आग्रह किया
साध्वी सुभद्रा सीजी ने कहा कि किसी भी साधु-संत का अपमान नहीं होना चाहिए। जैन साधु-संत किसी के विरोध में कुछ नहीं कहते। वो एकता, प्रेम, संगठन और अहिंसा का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी पंथ के साधु-संतों पर ऐसी टिप्पणी उचित नहीं हैं। समाज के कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली ने बताया कि बालोद जिले में जैन समाज के साधु-संतों पर अभद्र टिप्पणी निंदनीय है। इससे समाज के लोगों को काफी दुःख पहुंचा है। समाज द्वारा शांति मार्च निकाला गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए समाज के लोगों ने भी मार्च में हिस्सा लिया है। हम सबकी मांग है कि दोषी व्यक्ति की तत्काल गिरफ्तारी हो।
छत्तीसगढ़ सकल जैन समाज के भूपेंद्र कोठरिया ने कहा कि समाज द्वारा शांति मार्च का आह्वान किया गया था। बालोद जिले में तथाकथित छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा जैन साधु संतों का अपमान किया गया है। जैन समाज के लोगों को परदेशिया बताया जा रहा है। जानवर नहीं मिलने पर इन परदेशियों की बलि चढ़ाने की बात कही गई है। फेसबुक पर मरवाड़ी, सिंधी, अग्रवाल भगाओ का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ तीर्थंकर देवों की माटी है। हमें परदेशियां नहीं कहें। वे आपराधिक षड़यंत्र रच रहे हैं। लोगों में वैमनस्यता फैला रहे हैं। इसके विरोध में मौन जुलूस और शांति मार्च निकाला गया है। हम राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे। ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाए और इनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए।
यह है मामला
25 मई को बालोद के एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल द्वारा जैन समाज के साधु-संतों पर अभद्र टिप्पणी की गई थी। जैन समुदाय के लोगों को बाहरी बताकर इनका विरोध किया था। वहीं पशु नहीं मिलने पर इन परदेशियों की बलि चढ़ाने जैसी बातें कही गई है। इस बयान पर पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है।
जैन समाज के लोगों का कहना है कि कुछ तथाकथित लोग जातिवाद, क्षेत्रवाद का उन्माद फैलाकर छत्तीसगढ़ की शांति भंग कर रहे हैं। यह भी बता दें कि 1 मई को श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम में जीव हत्या को लेकर लेकर विवाद हुआ था। आदिवासियों व मंदिर से जुड़े लोगों के बीच मारपीट भी हुई थी। सप्ताहभर पहले छत्तीसगढ़ क्रांति सेना द्वारा बालोद बंद का आह्वान किया गया था। दुकानें बंद कराने के दौरान व्यापारियों से मारपीट की गई थी, जिसमें दर्जनभर से अधिक लोग घायल हुए। व्यापारियों की शिकायत पर गुण्डरदेही में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं बालोद में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल पर अपराध दर्ज करने की बातें सामने आई है।